गैरकानूनी सट्टेबाजी ऐप्स के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह और अभिनेत्री अन्वेषी जैन से घंटों पूछताछ की। अन्वेषी जैन सुबह 11 बजे ईडी कार्यालय पहुंचीं, जबकि युवराज सिंह को भी इसी मामले में बुलाया गया। इससे पहले सोमवार को इस जांच में पूर्व क्रिकेटर रोबिन उथप्पा और इन्फ्लुएंसर अंजलि अरोड़ा से भी लंबी पूछताछ की गई थी।
ईडी की जांच का फोकस उन ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स पर है, जो भारत में प्रतिबंधित हैं, लेकिन फिर भी बड़े पैमाने पर प्रचारित किए जा रहे थे। जांच में सामने आया कि 1xBet, FairPlay, Parimatch और Lotus365 जैसे ऐप्स के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी की बड़ी गतिविधियाँ हो रही थीं। फर्जी और बेनामी खातों के माध्यम से लेन-देन किया जा रहा था, जिनमें खाते कुछ घंटों के लिए सक्रिय रहते और फिर बंद हो जाते थे। इस तकनीकी तरीके से संचालित नेटवर्क के चलते ट्रैक करना मुश्किल हो रहा था।
जांच में यह भी उजागर हुआ कि कई बड़े सेलेब्रिटी और क्रिकेटर्स इन ऐप्स का प्रचार कर रहे थे। इनमें हरभजन सिंह, सोनू सूद, सुरेश रैना, उर्वशी रौतेला और अन्य इन्फ्लुएंसर शामिल हैं। ईडी ने इस मामले में गूगल और फेसबुक जैसी बड़ी कंपनियों के अधिकारियों को भी पूछताछ के लिए बुलाया। एजेंसी का मानना है कि गैरकानूनी ऑनलाइन बेटिंग का कारोबार पूरे देश में तेजी से फैल रहा है।
सरकार ने अगस्त में इस तरह के गैरकानूनी गेमिंग और बेटिंग ऐप्स पर नियंत्रण बढ़ाने के लिए “Promotion and Regulation of Online Gaming Bill” पास किया था। इसके तहत इस तरह के ऐप्स पर सख्ती बढ़ाई गई है। ईडी का कहना है कि जांच का उद्देश्य केवल प्रचार करने वाले लोगों की जिम्मेदारी तय करना नहीं बल्कि पूरे नेटवर्क और उसके पीछे के वित्तीय लेन-देन की पड़ताल करना भी है।
इस मामले से यह भी स्पष्ट होता है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया के माध्यम से गैरकानूनी गतिविधियाँ कैसे बड़े पैमाने पर फैल रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जांच से ऑनलाइन बेटिंग और गेमिंग इंडस्ट्री में पारदर्शिता लाने में मदद मिलेगी और भविष्य में ऐसे गैरकानूनी नेटवर्क को रोकने में सहायक होगी।
ईडी की इस कार्रवाई से यह संदेश भी गया है कि चाहे बड़े नाम हों या छोटे, किसी को भी कानून के दायरे से बाह