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कांके रिसॉर्ट और कांके ब्लॉक में ईडी की दबिश, कागजात खंगालने में जुटी टीम

रांचीः जमीन घोटाला मामले में ईडी ने एक बार फिर से अपनी दबिश दी है. फरार जमीन कारोबारी कमलेश कुमार से जुड़े मामले में एजेंसी कांके के रिसॉर्ट और कांके ब्लॉक में सर्च कर रही है. दस से ज्यादा वाहनों में सवार ईडी की टीम कांके में कई स्थानों पर कागजात खंगालने में जुटी है.

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फरार चल रहे कमलेश कुमार के द्वारा कई जमीनों का नेचर बदलकर उसे बेचे जाने की शिकायत पूर्व में भी दर्ज की गई थी. इस मामले में कांके के ब्लॉक ऑफिस की भूमिका भी काफी संदिग्ध रही है. एजेंसी के अधिकारियों ने कांके स्थिति चामा के ग्रामीणों से भी जमीन को लेकर उनका बयान दर्ज किया है. कमलेश कुमार के द्वारा फर्जी डीड बनाकर कई ग्रामीणों की जमीन भेज दी गई है. इस मामले में एजेंसी के द्वारा ग्रामीणों का बयान दर्ज किया गया है. कांके रिसॉर्ट भी कमलेश कुमार का ही बताया जाता है. वहां भी ईडी की टीम ने अपनी दबिश दी है.

शेखर कुशवाहा के बयान पर कार्रवाई

फर्जी दस्तावेज बनाकर जमीन हड़पने वाले सिंडिकेट से जुड़े शेखर कुशवाहा ने कमलेश कुमार के द्वारा बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी कांके इलाके में कई जगहों पर जमीन के फर्जी दस्तावेजों के सहारे इसे हड़पने की जानकारी दी थी. मामला सामने आने के बाद जून महीने में ईडी ने समन कर कमलेश कुमार को रांची जोनल आफिस में पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन बजाय ईडी के समन पर उपस्थिति के कमलेश फरार हो गया था.

जिसके बाद 21 जून की दोपहर 12 बजे ईडी की टीम कांके रोड के चांदनी चौक स्थित एस्ट्रो ग्रीन स्थित फ्लैट पहुंची. ईडी की टीम मौके पर पहुंची थी लेकिन टीम के पहुंचने के ठीक पहले कमलेश वहां से निकल गया था. स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में ईडी ने इस फ्लैट को सर्च किया, तब मौके से 100 जिंदा कारतूस और एक करोड़ नकदी बरामद की गई थी. मौके से एजेंसी ने जमीन से जुड़े दस्तावेज समेत कई महत्वपूर्ण साक्ष्य भी बरामद किए थे. 21 जून से ही कमलेश फरार चल रहा है.

कमलेश कुमार पूर्व में कांके में बीएयू की जमीन पर अवैध कब्जे के मामले में जेल जा चुका है. कांके पुलिस ने इस मामले में उसे जेल भेजा था. जानकारी के मुताबिक, गैर मजरूआ जमीन के दस्तावेजों में हेरफर कर कमलेश ने राज्य के कई पुलिस अफसरों को भी जमीन बेची थी. इसमें पूर्व डीजीपी डीके पांडेय से जुड़ा मामला काफी चर्चित रहा था. कमलेश के खिलाफ गोंदा थाने में भी ठगी का केस दर्ज है. ईडी को जानकारी मिली है कि कांके रिसॉर्ट में भी कमलेश की हिस्सेदारी रही है.

कैसे मिली कमलेश की संलिप्तता की जानकारी

ईडी ने जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाने वाले सिंडिकेट के प्रियरंजन सहाय, शेखर कुशवाहा समेत अन्य आरोपियों के मोबाइल में कमलेश से चैट की बरामदगी की थी. जमीन के फर्जी दस्तावेजों के आदान प्रदान के साक्ष्य ईडी को मिले थे. इसके बाद ईडी ने कमलेश कुमार को समन भेजकर बुलाया था.

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