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बिहार: पुल बनाने वाली कंपनी के ठिकानों पर ED की छापेमारी, मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है मामला

बिहार (Bihar) में कई पुल बनाने वाली एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापेमारी शुरू की है. पटना और दिल्ली में छापेमारी शुरू होने के बाद हड़कंप मचा हुआ है. ईडी ने यह छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की है. बता दें कि इस कंपनी ने बिहार में आठ पुल बनाए हैं. 1700 करोड़ की लागत वाला निर्माणाधीन भागलपुर अगवानी घाट पुल पिछले साल गिर गया था. यह पुल दो बार गिर चुका है. सिंगला कंपनी को बिहार में 9 हजार करोड़ का अलग-अलग ठेका मिला था.

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कंपनी का IAS अधिकारी से कनेक्शन

IAS अधिकारी संजीव हंस के साथ एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी का गहरा कनेक्शन है. जब संजीव हंस बिहार पुल निर्माण निगम के MD थे, तब एसपी सिंगला कंपनी को बड़े पैमाने पर ठेके मिले थे. पिछले दिनों ED ने संजीव हंस के ऊपर नकेल कसी थी. बताया जा रहा है कि संजीव हंस के पास से जो डॉक्यूमेंट्स मिले हैं, उससे ED को बड़ी लीड मिली है.

बता दें कि पिछले दिनों बिहार के कई जिलों के कुल 10 से ज्यादा पुलों के गिरने की खबरें आईं थी. पुल गिरने की तमाम घटनाओं के बाद सरकार से लेकर कंस्ट्रक्शन कंपनीज पर सवाल उठे थे.

18 दिनों में गिरे 12 पुल

इस साल बिहार में पुल गिरने का सिलसिला 18 जून से शुरू हुआ था, जब सबसे पहले अररिया जिले में सिकटी प्रखंड में एक पुल गिरा था. इसके बाद पुल गिरने का सिलसिला शुरू हो गया और एक पखवाड़े में करीब 10 पुल गिर गए. वहीं, 18 दिनों के अंदर कुल 12 पुलों के गिरने की खबरें सामने आई थीं. अगर छोटे मोटे पुलों को मिलाकर देखें तो 3 जुलाई को तो एक दिन में ही पांच पुल गिर गए.

दरअसल, भारत में पुल गिरने का सिलसिला लंबे समय से जारी है और हर साल बड़ी संख्या में कई पुल गिर जाते हैं. ऐसे में आज जानने की कोशिश करते हैं कि भारत में कुछ सालों में पुल गिरने का ट्रैक रिकॉर्ड कैसा रहा है और किस वजह से पुल गिरने की घटनाएं होती रहती हैं.

भारत में कितने पुल गिरे?

पूरे भारत का रिकॉर्ड देखा जाए तो एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 1977 से 2017 के बीच 2130 पुल गिर चुके हैं (इसमें नाले और फुटओवर ब्रिज शामिल नहीं है). इस रिसर्च के हिसाब से भारत में पुल की औसत आयु 34.5 साल है. वहीं, पिछले कुछ सालों में पुल गिरने की घटनाओं पर नजर मारें तो फैक्टली की एक रिपोर्ट में एनसीआरबी के डेटा के हिसाब से बताया गया है कि साल 2012 से 2021 के बीच 214 पुल गिरने के केस दर्ज हुए हैं. NCRB के आंकड़ों पर नजर डालें तो देश भर में पुलों के गिरने की घटनाओं में कमी आई है. 2012-2013 में पुल गिरने की घटनाएं औसतन 45 थीं जो 2021 में घटकर आठ हो गईं.

कितने लोगों की हुई मौत?

पुल गिरने से हर साल कई लोगों की मौत हो जाती है. साल 2012 से 2021 तक पुल गिरने से 285 लोगों की मौत हो गई थी. इसमें साल 2012 में 62, 2013 में 53, 2014 में 12, 2015 में 24, 2016 में 47, 2017 में 10, 2018 में 34, 2019 में 26, 2020 में 10, 2021 में 5 लोगों की मौत हो गई थी. साल 2022 में गुजरात के मोरबी में एक पुल गिरने का हादसा हुआ था, जब मच्छु नदी में बने पूल के टूटने से 141 लोगों की मौत हो गई थी.

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