ED बोली-2500 करोड़ के शराब घोटाले में चैतन्य शामिल:भूपेश बघेल ने पूछा-आखिर इतने दिन क्यों लगे

छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले मामले में ED ने बड़ी कार्रवाई करते हुए छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया था. कोर्ट में पेश करने के बाद ED को चैतन्य बघेल की 5 दिन की रिमांड मिली थी. ये घोटाला साल 2019 से 2022 के बीच हुआ था.

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इस मामले में ED ने ACB/EOW रायपुर की तरफ से दर्ज FIR के आधार पर जांच शुरू की थी. पुलिस जांच में सामने आया था कि शराब घोटाले से छत्तीसगढ़ सरकार को बड़ा 2500 करोड़ का नुकसान हुआ. ED की जांच में ये साफ हुआ कि चैतन्य बघेल ने इस घोटाले से 16.70 करोड़ की ब्लैक मनी ली और उसे अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में इस्तेमाल किया.

पैसे का सोर्स छिपाने के लिए रचा गया ये खेल

इस पैसे से उसने कॉन्ट्रैक्टर्स को कैश में पेमेंट किए और बैंकों में एंट्रीज डाली गई, ताकि पैसे का सोर्स छिपाया जा सके. उसने त्रिलोक सिंह ढिल्लों नाम के शख्स के साथ मिलकर एक स्कीम बनाई, जिसके तहत ढिल्लों की कंपनियों के कर्मचारियों के नाम पर फ्लैट खरीदे गए. इसके जरिए 5 करोड़ का ट्रांजैक्शन हुआ, जो असल में चैतन्य तक पहुंचा.

जांच में बैंकिंग ट्रेल भी मिला है, जिससे ये साफ होता है कि उस समय त्रिलोक सिंह को शराब सिंडिकेट से पैसे मिले थे. ED ने अपनी जांच में ये भी पाया कि चैतन्य बघेल ने कुल मिलाकर 1000 करोड़ से ज्यादा की ब्लैक मनी को मैनेज किया. वो इस पैसे को अनवर ढेबर और अन्य लोगों के जरिए कांग्रेस पार्टी के तत्कालीन कोषाध्यक्ष तक पहुंचाते थे.

घोटाले में हाई-प्रोफाइल लोग गिरफ्तार

ये पैसा बघेल परिवार के कुछ खास लोगों को भी दिया गया, ताकि आगे इन्वेस्टमेंट्स किए जा सकें. अभी इस पैसे की फाइनल यूज की जांच जारी है. इस घोटाले में इससे पहले भी कई हाई-प्रोफाइल लोग गिरफ्तार हो चुके हैं, जिसमें अनिल टुटेजा (पूर्व IAS अधिकारी), अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लो, अनवर ढेबर, अरुण पति त्रिपाठी (ITS अधिकारी) और कवासी लखमा (तत्कालीन आबकारी मंत्री और विधायक) शामिल हैं, ED के अनुसार, अभी जांच जारी है.

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