बिलासपुर में स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत 100 करोड़ रुपए की लागत से एजुकेशन सिटी परिसर का निर्माण किया जाएगा। शहर के बीच अरपा नदी के किनारे मधुबन क्षेत्र में 13 एकड़ इसे विकसित किया जाएगा।
इस परिसर में कोचिंग सेंटर, हॉस्टल, लाइब्रेरी और ऑडिटोरियम जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। दावा किया जा रहा है कि यह मध्य भारत का सबसे बड़ा एजुकेशन हब होगा। इस योजना को लेकर मुख्यमंत्री ऑफिस से सोशल मीडिया साइट एक्स अकाउंट पर जानकारी शेयर किया गया है। जिसके बाद नगर निगम ने भी जल्द ही काम शुरू होने का दावा किया है।
योजना को तैयार करने में बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, इसे मूर्त रूप देने स्मार्ट सिटी और नगर निगम ने पूरी तैयार कर ली है। कहा जा रहा है कि सीएम साय इसका भूमि-पूजन करेंगे।
13 एकड़ क्षेत्र में फैली एक ऐसी जगह जो छात्रों और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले युवाओं को समर्पित होगी, जहां नालंदा परिसर, कोचिंग के लिए हॉल स्टेप, ऑडिटोरियम, हॉस्टल, गार्डन, पार्किंग, कैफेटेरिया और खेल मैदान होगा।
50 हजार स्टूडेंट्स को मिलेगा लाभ
पूर्ण रूप से शैक्षणिक माहौल से परिपूर्ण एजुकेशन सिटी के निर्माण से बिलासपुर ही नहीं बल्कि प्रदेश के लगभग 50 हजार छात्रों को इसका लाभ मिलेगा। क्योंकि पूरे छत्तीसगढ़ समेत अन्य प्रदेशों से छात्र बड़ी संख्या में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने बिलासपुर आते हैं।
पहले से ही एजुकेशन हब के रूप में स्थापित बिलासपुर में एक अलग एजुकेशन सिटी के निर्माण से यह मध्य भारत का सबसे बड़ा एजुकेशन हब बन जाएगा।
4800 क्षमता के कोचिंग स्पेस, 500 सीटर नालंदा परिसर और 700 सीटर ऑडिटोरियम
निगम कमिश्नर अमित कुमार ने बताया की इस एजुकेशन सिटी में 500 विद्यार्थी क्षमता का नालंदा परिसर बनाया जाएगा, जिसमें लगभग 500 छात्र छात्राएं एक साथ बैठकर फिजिकल एवं डिजिटल लाइब्रेरी का लाभ ले सकेंगे।
इस एजुकेशन सिटी में छात्र-छात्राओं के मोटिवेशन और शैक्षणिक उद्देश्य से एक 700 सीटर कैपेसिटी का आधुनिक ऑडिटोरियम का निर्माण किया जाएगा। 1000 विद्यार्थी क्षमता वाले हॉस्टल, एस्ट्रोटर्फ खेल मैदान, गार्डन, मल्टी लेवल पार्किंग सहित तीन बहुमंजिला इमारतों का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 48 हॉल सेटअप में एक साथ 4,800 विद्यार्थियों के कोचिंग क्लास अटेंड करने की सुविधा रहेगी।
एजुकेशन का हब है बिलासपुर
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के साथ ही बिलासपुर एक एजुकेशनल सिटी के रूप में विकसित हुआ है। बिलासपुर शहर को एजुकेशनल हब के रूप में स्थापित करने में मुख्य रूप से केंद्रीय विश्वविद्यालय, दो विश्वविद्यालय, 8 महाविद्यालय, इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक, मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ लोक सेवा आयोग, व्यापम और आईआईटी परीक्षा की तैयारी करवाने वाले लगभग 100 से अधिक कोचिंग संस्थानों की भूमिका रही है।
यहां प्रदेश के लगभग 50000 से अधिक छात्र और छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं। यहां सिविल सेवा की तैयारी करने प्रदेश के दूर दराज क्षेत्रों के अलावा दूसरे प्रदेश के युवा भी बड़ी संख्या में पहुंचते है।
सीएम साय ने कहा- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राथमिकता
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और छात्रों के सर्वांगीण विकास हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता में हैं। यह परियोजना आने वाले सालों में छत्तीसगढ़ के शैक्षणिक परिदृश्य को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी और हमारे युवाओं को उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर करेगी।
वहीं, केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू ने कहा कि बिलासपुर में एक अलग से एजुकेशन सिटी के निर्माण से लाखों युवाओं के सपने साकार होंगे। छात्रों को पढ़ाई और भविष्य की तैयारियों के लिए एक सर्वसुविधायुक्त माहौल मिलेगा।
डिप्टी सीएम अरूण साव ने कहा की बिलासपुर को एक आधुनिक एजुकेशनल हब के रूप में विकसित करने की दिशा में यह ऐतिहासिक पहल है।
एजुकेशन सिटी का संकल्प पूरा होने जा रहा है- अमर अग्रवाल
विधायक अमर अग्रवाल ने कहा शहर में एक एजुकेशन सिटी का निर्माण और बिलासपुर की पहचान एजुकेशन सिटी के रूप में बने, जिसका संकल्प चुनाव के मेरे घोषणा पत्र में था, यह संकल्प मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रयास से पूरा होने जा रहा है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में एक भव्य एजुकेशन सिटी आकार लेगा, इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार।
निगम कमिश्नर बोले- जल्द शुरू होगा काम
निगम कमिश्नर अमित कुमार ने कहा की स्मार्ट सिटी लिमिटेड के द्वारा बिलासपुर एजुकेशन सिटी के संबंध में कार्य योजना तैयार कर ली गई है, जिससे छात्रों और युवाओं को लाभ मिलेगा। वहीं शहर विकास की प्लानिंग मे छात्र-छात्राओं को होने वाली कई समस्याओं का निराकरण होगा। जल्द ही कार्य शुरू किया जाएगा।