शिक्षा मंत्री ने विदेशी वस्तुओं पर लगाया बैन:दिलावर बोले- 3 विभागों में नहीं होगा विदेशी वस्तुओं का इस्तेमाल, खरीदने वाले से होगी वसूली

राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा- अब से शिक्षा विभाग,पंचायती राज और संस्कृत शिक्षा विभाग में सिर्फ भारत में बनी वस्तुओं की ही खरीद की जाएगी। तीनों विभागों में विदेश में निर्मित वस्तुओं की खरीद पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है।

मदन दिलावर ने आगे कहा- ऐसे में अगर शिक्षा विभाग का कोई भी अधिकारी कर्मचारी विदेशी वस्तु की खरीद करेगा, तो उसके खिलाफ न सिर्फ सख्त एक्शन लिया जाएगा। बल्कि, खरीद की गई वस्तु का भुगतान भी उसी से वसूला जाएगा। शिक्षा मंत्री ने बुधवार को अपने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करके यह जानकारी साझा की।

मंत्री स्तर पर अनुमति के बाद ही खरीदा जाएगा सामान दिलावर ने कहा कि हम चाहते हैं कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया अभियान की परिकल्पना को साकार करें। इसी सोच के साथ हमने राजस्थान के शिक्षा विभाग पंचायती राज विभाग और संस्कृत शिक्षा विभाग में इस पहल को शुरू किया है।

इससे भारत में निर्मित सामानों का उपयोग बढ़ेगा हमारी अर्थव्यवस्था पर भी इसका सकारात्मक असर होगा। हालांकि दिलावर ने कहा कि अगर कोई ऐसी वस्तु है। जो सिर्फ विदेश में ही निर्मित होती है, और हमारे लिए अति आवश्यक है। तो उसे मंत्री स्तर पर अनुमति के बाद ही खरीदा जाएगा।

चीनी राखी का करें बहिष्कार शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने राखी के पर्व पर भी स्वदेशी वस्तुओं के इस्तेमाल की अपील की। दिलावर ने कहा कि रक्षाबंधन पर महिलाओं और बेटियों को देश के प्रति अपने कर्तव्यों को समझते हुए स्वदेशी वस्तुओं की खरीद करनी चाहिए। यह पवित्र त्योहार न सिर्फ आपके घर में खुशियां लाएगा। बल्कि, भारत के हजारों परिवारों को स्वावलंबी भी बनाएगा।

विदेशी वस्तुओं का इस्तेमाल कर रहे दिलावर ने कहा- शेविंग ब्लेड से लेकर कोलगेट तक हम विदेशी वस्तुओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में हमें आम जीवन में इस्तेमाल होने वाली सभी वस्तुओं में भी विदेशी वस्तुओं की खरीद पर पूरी तरह से बैन लगा देना चाहिए। सिर्फ सरकार के कुछ विभाग और राखी के पर्व पर ही नहीं बल्कि, आम जनता को भी बढ़-चढ़कर अपनी सहभागिता निभाकर विदेशी वस्तुओं का इस्तेमाल करना बंद कर देना चाहिए।

क्योंकि काफी विदेशी देश भारत में अपनी वस्तुओं को बेचकर हमसे मुनाफा तो कमाते हैं। लेकिन उसे धन का उपयोग पाकिस्तान की मदद के लिए करते हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी आपने देखा चीन पाकिस्तान की मदद कर रहा था। जो भारत में अपने उत्पाद बेच मुनाफा कमा रहा है।

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