शिक्षा मंत्री बोले-पत्रकारिता का मकसद हमेशा देशहित और जनहित हो:भिलाई में ‘हिंदी पत्रकारिता’ कार्यक्रम,

हिंदी पत्रकारिता की द्वि शताब्दी के पूर्ण होने के ऐतिहासिक अवसर पर लोक जागरण की संस्था वसुंधरा का रविवार को भिलाई में भारत बोध, भारतीयता और हिंदी पत्रकारिता विषय पर बड़ी वैचारिक संगोष्ठी का आयोजन हुआ। इसमें देश के नामी पत्रकारों और बुद्धिजीवियों ने अपने विचार रखे।

मुख्य अतिथि स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव थे। मुख्य वक्ता के तौर पर वरिष्ठ पत्रकार और लेखक अनंत विजय (नई दिल्ली) और भारतीय जनसंचार संस्थान के पूर्व महानिदेशक डॉ. संजय द्विवेदी मौजूद रहे। छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी अध्यक्ष शशांक शर्मा भी अतिथि वक्ता थे।

पत्रकारिता ने लोकतंत्र को मजबूत किया

मंत्री गजेंद्र यादव ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता के दो सौ साल पूरे होना एक ऐतिहासिक घटना है। इस दौरान पत्रकारिता ने लोकतंत्र को मजबूत करने के साथ शिक्षा, संस्कृति और समाज को दिशा दी है। पत्रकारिता का मकसद हमेशा देशहित, जनहित और राष्ट्रहित होना चाहिए। आज अमृतकाल में हमें भारत बोध और भारतीयता की भावना को आगे बढ़ाना होगा। इस तरह के आयोजनों से भारत बोध की भावना विकसित होती है।

कर्तव्य निभाना ही देशसेवा है

वरिष्ठ पत्रकार अनंत विजय ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता का इतिहास त्याग, संघर्ष और जिम्मेदारी से भरा है। पत्रकारिता हमेशा चुनौतीपूर्ण रही है, लेकिन कर्तव्यों को निष्ठा से निभाना ही सच्ची देशसेवा है। पत्रकारिता का असली स्वर भारत बोध और भारतीयता ही है। हमें राष्ट्रवाद के पक्ष में मजबूती से खड़े होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है, जब वैचारिक तौर पर राष्ट्रवाद के पक्ष में हमें मजबूती से खड़े होकर अपनी भूमिका सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने पत्रकारिता के प्रारंभिक काल से लेकर बाद के सालों तक के अनेक प्रसंगों का जिक्र किया और स्थापना दी कि हिंदी पत्रकारिता का मूल स्वर भारत बोध और भारतीयता का ही है।

पत्रकारिता के इतिहास को भारत बोध के नजरिए से समझें

लेखक डॉ. संजय द्विवेदी ने हिंदी पत्रकारिता में भारतीयता और भारत बोध की परंपरा के बारे में कहा कि हिंदी पत्रकारिता के पूरे इतिहास को भारतीयता और भारत बोध के नजरिए से समझना चाहिए। अलग-अलग समय में पत्रकारिता का मूल स्वर हमेशा भारतीयता ही रहा है। उन्होंने आज की पत्रकारिता की चुनौतियों और कमियों पर भी अपनी साफ राय रखी।

वहीं, शशांक शर्मा ने भी इस विषय पर सारगर्भित बातें कहीं। कार्यक्रम के संयोजक विनोद मिश्र ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार डॉ. विश्वेश ठाकरे और लेखिका व आयोजन समिति की सचिव श्वेता उपाध्याय ने किया।

भारतीय पत्रकारिता पर केंद्रित मासिक पत्रिका का लोकार्पण

समारोह में अतिथियों ने भारतीय पत्रकारिता पर केंद्रित मासिक पत्रिका कृति बहुमत और छत्तीसगढ़ की पत्रकारिता, नींव के पत्थर पर एकाग्र कृति बहुमत के विशेषांकों का लोकार्पण किया।

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