सुल्तानपुर : सुल्तानपुर जिले के अभिभावको ने प्राइवेट स्कूल संचालकों के खिलाफ हल्ला बोला है. कई विद्यालय के संचालक अपनी मनमानी करते हुए धन उगाही कर रहे है. सरकार ने नई शिक्षा नीति लागू की है, जिसमें सरकारी स्कूलों से लेकर प्राइवेट स्कूलो में भी एक समान NCERT की पुस्तके पढ़ाने के लिए निर्देशित किया है और उनके दाम भी निश्चित किये है.
परन्तु जनपद सुलतानपुर के प्राइवेट स्कूलों में अपनी मनमानी चल रही है वे सरकार के आदेशों की अवहेलना करते हुए NCERT की किताबे नहीं चला रहे है. कुछ में तो एक-दो किताबें NCERT की है, बाकी अपने निजी या सम्बन्धित प्रकाशन की किताबें लगाये हुए है, जो कि बहुत ही मंहगी है और उन्हें लेने के लिए अभिभावकों के ऊपर दबाव डाल रहे है.
जिससे अभिभावकों को भारी आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है और अभिभावकों में भारी रोष व्याप्त है. जबकि यह भी सत्य है कि जो स्कूलों में पाठ्य-पुस्तकों को बदला जाता है, उनमें रसायन शास्त्र , भौतिक ,गणित,अंग्रेजी आदि जैसे मुख्य विषयों में जिनके मूल सिद्धान्त वर्षों से एक जैसे बने हुए है।हम समझते है कि पाठ्यक्रम में कोई महत्वपूर्ण संशोधन व बदलाव किया जाता है, तभी नई पुस्तकों की आवश्यकता होती है, लेकिन जहां विषय-वस्तु वर्षों से स्थिर है और किसी प्रकार का कोई परिवर्तन नहीं हुआ है.
अभिभावकों ने जिलाधिकारी को दिए गए ज्ञापन में कहा कि वहां प्रतिवर्ष नई-नई पुस्तकें लगाना समझ से परे है, बल्कि यह अभिभावकों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ भी डालता है. रसायन, भौतिकी और गणित जैसे विषयों के सिद्धान्त गति के नियम, ज्यामितीय, प्रमेय, आवर्त सारिणी या व्याकरण के नियम दशकों से नहीं बदले है, फिर प्रतिवर्ष नई पुस्तकें क्यों अनिवार्य की जाती हैं.
यह स्थिति न केवल आर्थिक बोझ बढ़ा रही है बल्कि संसाधनों के पुनः उपयोग की परम्परा को भी समाप्त कर रही है। पहले बड़े भाई-बहनों या अन्य बच्चों की पुरानी पुस्तकों का उपयोग छोटे बच्चों द्वारा करना सामान्य बात थी, अब यह व्यवस्था संभव नहीं हो पा रही है. जबकि सरकार Reduce,reuse के सिद्धान्त को प्रमोट कर रही है.
उन्होंने कहा कि आज, जब हम सब पर्यावरण संरक्षण, संसाधनों की बचत और टिकाऊ विकास की बात करते है, तो प्रतिवर्ष पुस्तकों को बदलना न केवल पैसों की बर्बादी है बल्कि कागज, प्रिन्टिंग व अन्य संसाधनों का भी अनावश्यक इस्तेमाल हो रहा है जिसे असानी से टाला जा सकता है.इस मौके पर डॉ प्रदीप मिश्रा ,वीरेंद्र भार्गव,हिमांशु मालवीय,अमित कुमार ,अभिषेक श्रीवास्तव,उमा शंकर, राम शिरोमणि यादव अनुज प्रताप सिंह,अरविंद कुमार सहित आदि लोग मौजूद रहे.