जगदलपुर: बस्तर संभाग में सोमवार का दिन तनावपूर्ण माहौल के साथ शुरू हुआ। पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या, नक्सली हमले में जवानों की शहादत, और बड़े बोदल में धर्मांतरण विवाद के चलते हुई हिंसक झड़पों के विरोध में बस्तर बंद का आह्वान किया गया। इस बंद को बस्तर चैंबर ऑफ कॉमर्स सहित अन्य संगठनों ने समर्थन दिया.
सुबह से ही विश्व हिंदू परिषद और आदिवासी समाज के सदस्यों ने शहर में रैली निकालते हुए बाजार और संस्थानों को बंद करवाने का प्रयास किया। सड़कों पर आवाजाही कम रही और बाजार लगभग पूरी तरह से बंद नजर आए.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
बीजापुर में साल का सबसे बड़ा नक्सली हमला
साल 2025 का पहला और सबसे बड़ा नक्सली हमला बीजापुर जिले के उसूर ब्लॉक के अंबेली गांव के पास हुआ। सोमवार को नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हुए आईईडी विस्फोट किया, जिसमें दंतेवाड़ा डीआरजी के 8 जवान शहीद हो गए, और वाहन चालक तुलेश्वर राना की भी मौत हो गई.
पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने बताया कि सुरक्षा बलों की जॉइंट पार्टी ऑपरेशन के बाद लौट रही थी। दोपहर करीब 2:15 बजे अंबेली गांव के पास नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट कर वाहन को उड़ा दिया। यह हमला राज्य में बीते दो वर्षों में सबसे बड़ा नक्सली हमला माना जा रहा है.
धर्मांतरण विवाद पर विवाद
बड़े बोदल गांव में धर्मांतरण को लेकर उपजे विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। विवाद में दोनों पक्षों के बीच मारपीट की घटनाएं सामने आईं। इसे लेकर भी बस्तर में रोष का माहौल है, और इसे बंद का मुख्य कारण बताया जा रहा है.
स्थिति पर निगरानी
प्रशासन और सुरक्षा बल बस्तर क्षेत्र में हालात पर नजर बनाए हुए हैं। बंद और विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर जिले में सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं। पुलिस ने आम जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है.
नक्सल समस्या पर चिंतन
बस्तर में नक्सल समस्या को लेकर सरकार और प्रशासन के प्रयासों पर सवाल उठ रहे हैं। हालिया घटनाएं यह संकेत देती हैं कि नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों में और मजबूती लाने की जरूरत है.