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शर्मनाक! आंगनवाड़ी स्कूल में बच्चों को अंडे परोसे, फिर प्लेट से वापस ले लिए, हैरान करने वाला मामला

बेंगलुरु: कर्नाटक के कोप्पल जिले में आंगनवाड़ी स्कूल की वर्कर और सहायिका का एक वायरल वीडियो सामने आने के बाद दोनों को निलंबित कर दिया गया. वायरल वीडियो में वर्कर लक्ष्मी और सहायिका शहनाज बेगम बच्चों को मध्यान्ह भोजन (Mid Day Meal) में दिए गए अंडे खाने से पहले बच्चों की प्लेट से वापस लेते हुए देखी गईं. इस वीडियो के वायरल होने के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया. वहीं इस संबंध में महिला एंव बाल कल्याण विभाग की मंत्री लक्ष्मी हेब्बलकर के निर्देश पर कोप्पल के गुंडूर गांव की आंगनवाड़ी वर्कर और सहायिका को निलंबित कर दिया गया. मामले की गंभीरता को देखते हुए मंत्री ने पूरे मामले की रिपोर्ट देने का आदेश दिया.

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बच्चों की प्लेट से वापस ले लिए,
अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को समझते हुए दोनों सहायिका और वर्कर को तात्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया और आगे की जांच शुरू कर दी है. आंगनवाड़ी में हुए इस शर्मनाक घटना पर टिप्पणी करते हुए मंत्री लक्ष्मी हेब्बलकर ने कहा, “गलती करने वालों को सजा मिलनी चाहिए. विभाग में निचले स्तर से सुधार लाने के लिए मैं संघर्ष कर रही हूं… आंगनबाड़ी का मूल उद्देश्य पौष्टिक भोजन और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है. हम गरीब बच्चों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे.”

वर्कर और सहायिका निलंबित
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि, कैसे आंगनवाड़ी वर्कर और सहायिका बच्चों की प्लेट से अंडे निकाल रही हैं, जबकि बच्चों ने पहले ही अंडे ले लिए थे. इस घटना से जुड़े वीडियो के सामने आने के बाद लोगों ने इस पर गहरी चिंता जताई. इस घटना को आंगनवाड़ी सेवाओं में गंभीर लापरवाही के रूप में देखा जा रहा है.

मंत्री लक्ष्मी हेब्बलकर ने निलंबित करने के आदेश दिए
मंत्री लक्ष्मी हेब्बलकर ने कहा कि, बच्चों के लिए मिड डे मिल के तहत राज्य और केंद्र सरकार 8 रुपये प्रति बच्चे का भुगतान कर रही है. पिछले 9 सालों से यूनिट दर में वृद्धि नहीं की गई है. दालों की कीमत में बहुत वृद्धि हुई है. सीएम सिद्धारमैया सरकार की योजना अंडे, गुणवत्ता युक्त क्रीम युक्त दूध उपलब्ध कराने की है. मंत्री ने कहा कि बच्चों को भोजन परोसते समय वीडियो फिल्मांकन अनिवार्य होना चाहिए.

बच्चों को भोजन परोसे जाने का वीडियो शूटिंग अनिवार्य
उन्होंने आगे कहा कि, “पिछली बार भी इसी तरह का मामला सुनने को मिला था. उसके बाद हमने वीडियो शूटिंग अनिवार्य कर दी गई थी. अब वीडियो अनिवार्य होने के कारण यह मामला सामने आया है. फिल्मांकन के बाद इसे तालुका स्तर से जिला स्तर तक व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से अपलोड किया जाना चाहिए.”

मंत्री ने कहा, “हम कर्नाटक राज्य में 69 हजार आंगनबाड़ी चला रहे हैं. अगर कहीं इस तरह की घटना होती है तो पूरे विभाग के लिए मुश्किल हो जाता है. यह मामला कल रात मेरे संज्ञान में आया जिसके बाद तुरंत उस पर कार्रवाई की गई. मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर ने कहा, “आंगनवाड़ी वर्कर और सहायिका को पहले ही काम से निलंबित कर दिया गया है. अगर ऐसी गलती हुई है, तो मैं अनिवार्य रूप से नौकरी से बर्खास्त कर दूंगी. यह मामला दूसरों के लिए सबक होना चाहिए. हम सीडीपीओ को निलंबित करने के बारे में सोच रहे हैं और मैंने विभाग के प्रमुख सचिव को डीडी को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है.”

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