महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे से दादर स्थित उनके आवास पर मुलाकात की. पिछले वर्ष राज्य विधानसभा चुनाव के बाद यह शिंदे की ठाकरे के निवास ‘शिव तीर्थ’ की पहली यात्रा थी. शिवसेना अध्यक्ष के साथ पार्टी नेता और महायुति सरकार में उद्योग मंत्री उदय सामंत भी थे. सूत्रों ने बताया कि एकनाथ शिंदे की इस यात्रा के दौरान राज ठाकरे के बेटे अमित और मुंबई मनसे अध्यक्ष संदीप देशपांडे भी मौजूद थे.
शिवसेना के एक पदाधिकारी ने बताया कि राज ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को रात्रि भोज पर आमंत्रित किया था. लेकिन यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस साल मुंबई नगर निगम के चुनाव होने की उम्मीद है. ये चुनाव तीन साल से लंबित हैं. पिछले दो महीनों से मनसे मराठी भाषा को लेकर अपना आंदोलन फिर से शुरू करने की कोशिश कर रही है और मांग कर रही है कि राज्य में हर जगह मराठी भाषा का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
शिंदे-राज ठाकरे के बीच नाराजगी की थीं अटकलें
गौरतलब है कि 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में माहिम सीट पर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के सदा सर्वणकर, मनसे के अमित ठाकरे और शिवसेना (यूबीटी) के महेश सावंत के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला. महेश सावंत ने यहां नजदीकी अंतर से जीत हासिल की थी. चुनाव नतीजों के बाद सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा होने लगी थी कि राज ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच अनबन हो गई है. ऐसा कहा गया कि एकनाथ शिंदे की तरफ से माहिम सीट पर अपनी पार्टी का उम्मीदवार वापस नहीं लिए जाने से राज ठाकरे नाराज हो गए हैं. लेकिन ताजा तस्वीर ने इन अटकलों को विराम दे दिया है.
bmc चुनाव के लिए साथ आएंगे मनसे-शिवसेना?
सूत्रों की मानें तो बीएमसी चुनाव के लिए एकनाथ शिंदे की शिवसेना और राज ठाकरे के एमएनएस के बीच गठबंधन हो सकता है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी के मुकाबले कहीं बेहतर प्रदर्शन किया था. इसके बाद शिंदे गुट के इस दावे को और मजबूती मिली कि वही असली शिवसेना है. बीएमसी की सत्ता पर शिवसेना काबिज है, लेकिन ज्यादातर पार्षद उद्धव गुट के पाले में हैं. आगामी चुनाव में शिंदे गुट यह साबित करना चाहेगा कि मुंबई की जनता भी उसे ही असली शिवसेना मानती है.
उद्धव ठाकरे की शिवसेना-यूबीटी के लिए झटका?
शिवसेना फिलहाल भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार में शामिल है. पिछली महायुति सरकार में एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री थे, चुनाव बाद बनी नई सरकार में उन्हें उपमुख्यमंत्री पद संतोष करना पड़ा और बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस सीएम बने. अब बीजेपी बीएमसी चुनाव में खुद को पीछे रखकर शिंदे गुट की शिवसेना को सत्ता में लाना चाहेगी, जिससे एकनाथ शिंदे को सीएम नहीं बनाने से उनके खेमे में हुई निराशा को कम किया जा सके. मुंबई, ठाणे, कल्याण-डोंबिवली, पुणे, नवी मुंबई, नासिक और छत्रपति संभाजीनगर के नगर निगम क्षेत्रों में शिवसेना और मनसे दोनों का महत्वपूर्ण प्रभाव है. शिवसेना और मनसे के बीच संभावित गठबंधन राज्य में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के लिए बड़ा झटका हो सकता है.
#WATCH महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे से मुलाकात करने पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, "ये शिष्टाचार भेंट थी, बाला साहब ठाकरे के समय से हम साथ में काम करते थे, कुछ कारण की वजह से बीच में हमारी मुलाकात नहीं होती थी वो कारण आपको पता है लेकिन अब… https://t.co/94QDeXNxej pic.twitter.com/38hAksumX9
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 15, 2025
पर्दे के पीछे, दोनों दलों के कई नेता इस गठबंधन को सुविधाजनक बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं. हालांकि, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज ठाकरे से हुई अपनी मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया. एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘हम बालासाहेब ठाकरे के समय से एक साथ काम करते थे. कुछ कारणों से हम कुछ समय तक मिल नहीं पाए. आप जानते हैं कि वे कारण क्या थे. लेकिन अब हम कभी भी मिल सकते हैं और बातचीत कर सकते हैं. वह भी मुझसे मिलते हैं, मैं उनसे मिलने आता हूं. हर मुलाकात का राजनीतिक मतलब निकालना सही नहीं है.’