चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे की पार्टी को बड़ी राहत दी है. आयोग ने गुरुवार को शिवसेना (UBT) पार्टी को सार्वजनिक चंदा स्वीकार करने की अनुमति दे दी है. उद्धव की पार्टी की मांग से स्वीकार करने से कुछ दिनों पहले आयोग ने एनसीपी (एसपी) की इसी तरह की मांग को स्वीकार किया था.
आयोग द्वारा गुरुवार को जारी एक पत्र में बताया कि उद्धव ठाकरे की पार्टी को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29 बी और धारा 29 सी के तहत सरकारी कंपनी के अलावा किसी भी व्यक्ति या कंपनी द्वारा अपनी मर्जी से चंदा के रूप में दी जाने वाली राशि ले सकते हैं.
पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने की आयोग से मुलाकात
शिवसेना (यूबीटी) ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को देखते हुए चुनाव आयोग से सार्वजनिक चंदे के तौर पर धन राशि स्वीकार करने की मांग की थी. पार्टी के महासचिव सुभाष देसाई के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने भी गुरुवार को आयोग से मुलाकात की थी. इससे पहले चुनाव आयोग ने एनसीपी (एसपी) की पार्टी को सार्वजनिक योगदान स्वीकार करने की अनुमति दी थी.
पिछले साल फरवरी में, चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी थी और उसे “धनुष और तीर” चुनाव चिन्ह आवंटित करने का आदेश दिया था, जिससे पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी खेमे को बड़ा झटका लगा था. ठाकरे के पिता बाल ठाकरे ने 1966 में पार्टी की स्थापना की थी.
MVA ने शुरू की विधानसभा चुनाव की तैयारी!
हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के बाद उद्धव ठाकरे ने ऐलान कर दिया है कि वह राज्य में होने वाले आगामी चुनाव महाविकास अघाड़ी के बैनर तले ही लड़ेंगे. विधानसभा चुनाव को लेकर महाविकास अघाड़ी में सीट शेयरिंग पर मंथन शुरू हो गया है. हालांकि, समझौते के मूड में कोई नहीं दिख रहा है. सूत्र बताते हैं कि लोकसभा चुनाव में अच्छे प्रदर्शन के बाद शिवसेना (यूबीटी) विधानसभा चुनाव में करीब 115-125 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है. कांग्रेस पहले साफ कर चुकी है कि वो 150 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. राज्य में विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं.