छत्तीसगढ़ में मानव हाथी द्वंद का एक और मामला सामने आया है। जहां जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ने गए ग्रामीण को हाथियों ने कुचल कर उसे मौत के घाट उतार दिया है। यह हादसा प्रदेश रायगढ़ जिले अंतर्गत धरमजयगढ़ वन मंडल का बताया जा रहा है। इस घटना के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर ग्रामीण के शव को बरामद कर मुआवजे की कार्रवाई में जुट गई है।
छत्तीसगढ के रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल के छाल थाना क्षेत्र के खर्रा में यह घटना हुई है। बताया जा रहा है कि पीड़ित ग्रामीण जंगल में तेंदूपता तोड़ने गया हुआ था। उस वक्त अचानक हाथी ने उस पर हमला कर दिया और उसकी मौत हो गई है। हादसे की खबर मिलते ही वन विभाग और पुलिस टीम मौके पर पहुंच कर कानूनी कार्रवाई में जुट गए है।
जानकारी के अनुसार छाल वन परिक्षेत्र के आरएफ 519 औरानारा में हाथी के हमले में जिस व्यक्ति की मौत हुई उसका नाम सुबरन राठिया है और वह निवासी भलमुडी था। पीड़ित वन क्षेत्र में कल दोपहर से तेंदूपत्ता तोड़ने गया था, लेकिन रात तक वापस नहीं लौटा। परिजनों ने आज सुबह जब खोजबीन शुरू की तो जंगल में सुबरन का शव मिला।
धरमजयगढ़ वनमंडल में 26 हाथियों का एक बड़ा झुंड देखने को मिला है। धरमजयगढ़ वन मंडल में हाथी के आने का मामला आम बात हो गई है। कल शाम हाथी का एक बड़ा झुंड पुरूंगा और किदा के बीच छाल रेंज के किदा बीट में विचरण कर रहा हैं। इसके कारण हाथी प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीणों के बीच डर का भी माहौल बना हुआ है।
गौरतलब है कि बीते दिनों दोनों वन मंडल के जंगलों में 96 हाथियों का दल चहलकदमी करता देखा गया था। हाथी प्रभावित क्षेत्र के जंगलों में ग्रामीणों का जाना भी किसी खतरे से कम नहीं है। जिसके कारण विभाग द्वारा लगातार ग्रामीणों को जंगल की ओर अकेले नहीं जाने की बात भी कही जाती है।
वहीं कल शाम ढलने के बाद हाथियों का दल जंगल से निकलकर खेतों तक पहुंच रहा है। जहां हाथियों के दल ने धरमजयगढ़ के बायसी में धान की फसलों को बर्बाद कर दिया है। इसके अलावा छाल वन परिक्षेत्र के हाटी, बांसाझार, कीदा, भलमुड़ी में धान फसलों को चौपट कर दिया। हाथी खेतों में घुसकर अपने पैरों से फसलों को चौपट करने के साथ ही उन्हें खाते हैं।
बीती रात को धरमजयगढ़ और छाल रेंज में हाथियों द्वारा किए गए धान की फसलों के नुकसान का आंकलन विभाग द्वारा किया जा रहा है। धरमजगढ़ वन मंडल में हाथियों की संख्या 90 तक पहुंच चुकी है। इसमें नर हाथियों की संख्या 26, मादा 39 और शावक 25 हैं। जबकि रायगढ़ की बात करे तो यहां छह हाथी का अलग अलग दल विचरण कर रहा है।