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रायगढ़ में हाथियों ने 29 किसानों की फसलें रौंदी, वन विभाग कर रहा नुकसान का आकलन

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में एक बार फिर से हाथियों ने किसानों की फसलों को रौंदकर बर्बाद कर दिया है। 25 सितंबर की रात के अंधेरे में हाथी खेतों में घुसे और सुबह तक 29 किसानों की फसल चौपट हो गई। सुबह से नुकसान का आंकलन करने में विभाग जूट गया है।

धरमजयगढ़ वन मंडल में 127 हाथी अलग-अलग रेंज में विचरण कर रहे हैं। प्रभावित किसानों ने बताया कि हाथियों को भगाने के लिए तेज आवाज की जा रही है। बावजूद इसके हाथी नहीं भाग रहे। वहीं, वन विभाग ने ग्रामीणों को अलर्ट रहने कहा है।

अलग-अलग गांव के 29 किसानों को नुकसान

विभाग के मुताबिक, जहां गुरुवार रात हाथियों का दल खेतों में पहुंच गया और 18 किसानों की फसल को रौंद दिया। यहां सबसे अधिक छाल रेंज के बंगरसुता और पोढ़ी में 10 किसानों की फसल को नुकसान किया है।

इसके अलावा बाकारूमा रेंज के जमाबीरा में 4, रैरुमा तेजपुर में 2 और बोरो रेंज के बताती में 2 किसानों की फसल बर्बाद हो गई। इसके अलावा रायगढ़ वन मंडल की बात करे तो 11 किसानों की फसल को हाथियों ने नुकसान पहुंचाया है।

जिसमें जुनवानी गांव के कन्हैया लाल मैत्री, हरिहर मैत्री, लोचन प्रसाद मैत्री, सुकवारो उरांव, सुधनी बड़ा, नंदू मिंज, सुशील मालाकार, अश्वनी मालाकार, उमेश मालाकार, नेहरू यादव और करुणासागर मालाकार की फसल बर्बाद हो गई।

रात में भगाने से नहीं भाग रहे

हाथियों का दल जब खेतों में पहुंचता है और इसकी जानकारी ग्रामीणों व हाथी मित्र दल को होती है। तब उन्हें खेतों से भगाने के लिए कई तरह की आवाजें निकाली जाती है, लेकिन इसके बाद भी हाथी वहीं डटे रहते हैं और सुबह होने के बाद वापस जंगल की ओर चले जाते हैं।

नुकसान का आंकलन कर रहे

विभागीय कर्मचारियों ने बताया कि हाथियों के द्वारा फसलों का नुकसान किया गया है। जिसका आंकलन किया जा रहा है। ताकि मुआवजा की प्रक्रिया पूरी की जा सके।

इसके अलावा आसपास के हाथी प्रभावित गांव में मुनादी भी करायी गई है और ग्रामीणों को अकेले जंगल की ओर जाने से मना किया जा रहा है।

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