छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में हाथियों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। हर रात हाथियों का झुंड अलग-अलग गांवों में घुसकर फसलों को रौंद रहा है और ग्रामीणों की मेहनत पर पानी फेर रहा है। इस बार हाथियों ने जिले की अलग-अलग रेंज के गांवों में 32 किसानों की फसल को पूरी तरह बर्बाद कर दिया। इसके अलावा एक मकान की दीवार भी हाथियों ने ढहा दी। गनीमत रही कि घर के अंदर मौजूद ग्रामीण बाल-बाल बच गए।
स्थानीय लोगों का कहना है कि रात के अंधेरे में हाथी जंगल से निकलकर सीधे खेतों में पहुंच जाते हैं और वहां लगी धान समेत अन्य फसलों को चट कर जाते हैं। किसानों की कई महीनों की मेहनत एक ही रात में नष्ट हो जाती है। इससे किसानों में गहरी नाराजगी और डर का माहौल है।
वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, फिलहाल रायगढ़ जिले में लगभग 170 हाथियों की मौजूदगी है। इतनी बड़ी संख्या में हाथियों के झुंड से न केवल फसलें बल्कि गांव के घर और लोगों की सुरक्षा पर भी खतरा मंडरा रहा है। ग्रामीण लगातार प्रशासन और वन विभाग से मदद की मांग कर रहे हैं, लेकिन हाथियों की समस्या पर कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पा रहा है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि जंगलों में भोजन और पानी की कमी के कारण हाथी गांवों की ओर रुख कर रहे हैं। यहां उन्हें आसानी से धान और मक्के जैसी फसलें मिल जाती हैं, जो उनका पसंदीदा भोजन है।
ग्रामीणों का कहना है कि मुआवजे की प्रक्रिया काफी धीमी है और कई बार उन्हें नुकसान का उचित हर्जाना नहीं मिल पाता। ऐसे में उनकी आर्थिक स्थिति और बिगड़ रही है।
वन विभाग की टीमें हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन उनकी संख्या और आक्रामकता को देखते हुए यह आसान काम नहीं है। किसानों को डर है कि आने वाले दिनों में यदि समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो उनकी पूरी साल की फसलें बर्बाद हो सकती हैं।