झालावाड़: पिपलोदी स्कूल हादसे में निलंबित किए गए विद्यालय के पांच शिक्षकों, छह अधिकारियों एवं उनकी तरफदारी करने वाले शिक्षक नेता के निलंबन को अवैध ठहराकर निलंबन तुरंत रद्द करने की मांग जोर पकड़ने लगी है. निलंबित किए गए शिक्षकों और अधिकारियों के पक्ष में शिक्षकों द्वारा झालावाड़ के मिनी सचिवालय पर जोरदार प्रदर्शन कर शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया. प्रदर्शनकारियों ने बताया कि किसी भी प्रकार की घटना दुर्घटना का पूर्वानुमान लगाया जाना शिक्षकों द्वारा संभव नहीं है.
फिर भी पीपलोदी स्कूल हादसे की जिम्मेदारी शिक्षकों एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर डालकर उनको निलंबित कर दिया गया जो सरासर गलत है. इतना ही नहीं, निलंबित शिक्षकों एवं अधिकारियों के संबंध में न्यायोचित तरीके से पक्ष रखने वाले अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के जिलाध्यक्ष को भी निलंबित कर दिया गया, जबकि उन्होंने सिर्फ शिक्षकों और विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए चिंता जाहिर की थी.
जानकारी के लिए आपको बता दें कि अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के जिलाध्यक्ष चंदन चतुर्वेदी ने कर्मचारियों का पक्ष रखते हुए कहा था कि हादसे में निर्दोष शिक्षकों का कोई दोष नहीं है, सजा भ्रष्टाचारियों को मिलनी चाहिए और भ्रष्टाचारियों के बदले सजा शिक्षकों को दी जा रही है.