कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि किसानों को गुणवत्ता के साथ बीज का वितरण करें. ऐसे दुकानदार जो अमानक खाद बीज का विक्रय कर रहे तो टीम बनाकर छापामार की कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा किसानों को धान के अतिरिक्त दलहन तिलहन और कोदो कुटकी रागी, चना मूंग की फसल के लिए बढ़ावा देने के लिए कहा और शासन की सभी योजनाओं का लाभ देने के निर्देश दिए हैं.
उन्होंने सरगुजा संभाग में रबी फसल उत्पादन 2024-25 की समीक्षा, खरीफ फसलों के लिए फसल वर्ष 2025-26 हेतु कार्यक्रम निर्धारण के संबंध चर्चा की. बैठक में सरगुजा संभाग के सभी जिलों में रबी फसल वर्ष 2024-25 में ग्रीष्मकालीन धान के बदले फसल परिवर्तन अंतर्गत दलहन, तिलहन, मक्का, उद्यानिकी नगदी फसलों के प्रोत्साहन कार्यक्रम की प्रगति, खरीफ वर्ष 2025-26 में कार्यक्रम एवं रणनीति निर्माण, वन अधिकार पत्र धारक किसानों को लघु धान्य फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए बीज प्रदाय, धान के 10 वर्ष के अंदर के विभिन्न किस्मों का क्षेत्र विस्तार करते हुए विभिन्न फसलों का किस्म प्रतिस्थापन दर को बढ़ाने, खरीफ वर्ष 2025 की संस्थागत उर्वरक एवं बीज की मांग के विरूद्ध अग्रिम उठाव फसल वर्ष के प्रारम्भ में ही करवाने आदि विषयों पर चर्चा की गई.
आयुक्त शहला निगार ने कहा कि सरगुजा संभाग में और जशपुर में फल फूल की अच्छी संभावनाएं इससे किसानों को अच्छा लाभ भी मिलेगा। किसानों को दलहन तिलहन, काजू, नाशपाती, सेब की खेती, स्ट्राबेरी की खेती, मिर्च, आलू की खेती से अच्छा लाभ दिया जा सकता है. उन्होंने कहा सरगुजा संभाग आदिवासी बाहुल्य जिला यहां के किसानों को अच्छा लाभ मिल सके ऐसा विशेष प्रयास करें. वन अधिकार पत्र धारी किसानों और विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा परिवारों को भी अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने के निर्देश दिए हैं. किसानों का ज्यादा से ज्यादा किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के भी निर्देश दिए हैं. किसानों के खेत की मिट्टी का परीक्षण करवाकर ज्यादा से ज्यादा खेतों को उपजाऊ बनाने के लिए भी कहा. उन्होंने धरती आबा ग्राम उत्कर्ष योजना के तहत सरगुजा संभाग के सभी किसानों को लाभ पहुंचाने के निर्देश दिए हैं.
बैठक में सरगुजा आयुक्त नरेन्द्र दुग्गा, संचालक कृषि रायपुर डॉ. सारांश मित्तल, संचालक पशुधन विकास रायपुर रिमिजियुस एक्का, आयुक्त सहकारी संस्थाए कुलदीप शर्मा, संचालक उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी रायपुर एस. जगदीशन, संचालक मत्स्य रायपुर नारायण सिंह नाम, संचालक अनुसंधान सेवाऐं इं.गां.कृ.वि.वि.रायपुर के डॉ. विवेक कुमार त्रिपाठी, उप सचिव कृषि मुकुन्द ठाकुर, कलेक्टर जशपुर रोहित व्यास, कलेक्टर बलरामपुर राजेन्द्र कुमार कटारा, कलेक्टर एम.सी.बी श्री डी राहुल वैन्कट, कलेक्टर सुरजपुर एस. जयवर्धन, प्रमुख अभियंता जल संसाधन रायपुर इंद्रजीत उइके, मुख्य अभियंता जल संसाधन रायपुर राजेश कुमार इंदरवार, प्रबंध संचालक कृषि विपणन एवं मंडी बोर्ड महेन्द्र सिंह सवन्नी, संचालक समेती रायपुर बी. के बिजनौरिया, प्रबंध संचालक बीज प्रमाणाकरण आर के राठौर, उप सचिव कृषि विकास मिश्रा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जि.पं. सरगुजा विनय अग्रवाल, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जि.प. बलरामपुर नयन तारा सिंह तोमर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जि.प. एम.सी.बी अंकिता सोम, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जि.प. कोरिया आशुतोष चतुर्वेदी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जि.पं. सुरजपुर नंदिनी साहू, सहित सभी जिले के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे.
इस अवसर पर कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार ने सभी जिलों को अपने अपने क्षेत्रों में फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए प्राइस स्पोर्ट स्कीम अंतर्गत अधिसूचित फसलों के पंजीयन एवं उपार्जन की स्थिति पर भी चर्चा करते हुए इसका अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करने के दिये निर्देश दिए. उन्होंने अल्पकालीन फसल ऋण वितरण में वृद्धि करने तथा इसमें दलहन एवं तिलहन फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए ऋण वितरण में अधिक से अधिक वृद्धि करने को कहा.
उन्होंने जैविक खेती मिशन एवं परंपरागत कृषि के विकास के लिए वृहद क्षेत्र प्रमाणीकरण हेतु प्रमाणीकरण का कार्य तृतीय पक्ष द्वारा कराये जाने के निर्देश दिए. उन्होंने पीएम प्रणाम द्वारा जैविक उर्वरकों को प्रोत्साहित कर रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करने हेतु किसानों को जानकारी प्रदान करने को कहा. बैठक में उन्होंने शासकीय कृषि प्रक्षेत्र एवं रोपणियों के आय व्यय की समीक्षा करते हुए उन्हें सशक्त करने को कहा. इसके साथ ही नर्सरी की आय को भी बढ़ाने के निर्देश दिए. उन्होंने जिलों में संचालित विशेष नवाचारी कार्यक्रमों, उपलब्धियों के साथ सफल किसानों के संबंध में भी अधिकारियों से चर्चा की.
बैठक में कृषि योग्य पड़ती भूमि का विकास कर उन्हें कृषि योग्य बनाकर फसल उत्पादन हेतु किसानों को प्रोत्साहित करने को कहा. उन्होंने मत्स्य बीज विकास के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना अंतर्गत निजी किसानों को भी हैचरी विकास, तालाब निर्माण एवं मत्स्य उत्पादन के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए. उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड निर्माण की प्रगति की भी समीक्षा करते हुए उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्यपालन के क्षेत्र में भी केसीसी निर्माण को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए. धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कृष्ट अभियान के तहत जनजातीय क्षेत्र के ग्रामीण किसानों को सहकारिता द्वारा उनकी आय में वृद्धि करने हेतु शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभप्रदान करने को कहा.
उन्होंने नेशनल फिशरीज डिजिटल प्लेटफार्म में किसानों की प्राविधिक पंजीयन की स्थिति, ग्रामीण तालाब एवं सिंचाई जलाशय के पट्टा आबंटन, मत्स्य निरीक्षक के पदों पर भर्ती, पशु नस्ल सुधार के लिए कृत्रिम गर्भाधान, वत्सोदपादन कार्यक्रम, दुग्ध सहकारी समिति का गठन एवं पंजीयन, ब्रीडिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, पशुओं की विभिन्न रोगों के विरूद्ध टीकाकरण, पशुरोग अन्वेषण प्रयोगशाला में निरन्तर जाँच, पशु संगणना के कार्य की स्थिति, राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना, कुक्कुट इकाई वितरण, सुकर ट्राई ईकाई वितरण, बकरा ईकाई वितरण आदि विषयों पर विस्तृत चर्चा की. उन्होंने उद्यानिकी के तहत लिची, आलू, टमाटर आदि फसलों का प्रसंस्करण के लिए योजना निर्माण के निर्देश दिए. उन्होंने जिलों में उर्वरकों के भंडारण एवं वितरण पर भी विस्तृत चर्चा की. नेशनल डेयरी समग्र विकास मिशन के अंतर्गत दुग्ध सहकारी समिति का निर्माण कर किसानों को प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए.
बैठक में जिले में कृषि की वैज्ञानिक शिक्षा हेतु महाविद्यालयों के संचालन के साथ इसके माध्यम से किसानों को प्रशिक्षण एवं फसल प्रदर्शन द्वारा लाभदिलाने के निर्देश दिए. इस बैठक में स्थानीय फसलों को पहचान दिलाने हेतु जीआई टैग प्राप्ति के लिए प्रस्ताव निर्माण करने को कहा.