कई सालों की चर्चा के बाद भारत-यूके के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (Free Trade Agreement) हो चुका है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूके के PM किएर स्टार्मर की मौजूदगी में इसपर हस्ताक्षर किए गए. इस डील से दोनों देशों के बीच सालाना 34 अरब डॉलर व्यापार की बढ़ोतरी होगी.
डॉक्यूमेंट के मुताबिक, FTA के बाद ब्रिटेन को किए जाने वाले 99% भारतीय निर्यातों पर से शुल्क समाप्त हो जाएगा, जिसमें कपड़ा, जेनेरिक दवाएं और चिकित्सा उपकरण, चमड़े के सामान और कृषि व रासायनिक उत्पाद शामिल हैं. इसका मतलब है कि ये चीजें सस्ती हो सकती हैं. वहीं ब्रिटिश कंपनियों के लिए भारत में व्हिस्की, कार और अन्य प्रोडक्ट्स का निर्याता आसान हो जाएगा. साथ ही व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और भारत में 90 फीसदी ब्रिटिश सामानों पर कस्टम ड्यूटी कम हो जाएगी.
भारत के लिए यह अब तक का सबसे महत्वपूर्ण व्यापार समझौता है और यह दक्षिण एशियाई देश की निवेश को आकर्षित करने के लिए बाधाओं को कम करेगा. इस डील से यूके जाने वाले कुछ भारतीय शराब के लिए नया मार्केट मिलेगा. वहीं UK के कुछ महंगी शराब की बोतलें भारत में सस्ती हो जाएंगी.
ब्रिटिश की कौन-सी वाइन होंगी सस्ती?
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के तहत भारत, UK की व्हिस्की पर शुल्क को मौजूदा 150% से घटाकर 75% करेगा और अगले 10 सालों में इसे और घटाकर 40% करने का लक्ष्य रखा है. यानी कि ब्रिटेन से आने वाले व्हिस्की की कीमतों में गिरावट आएगी.
भारत में फेमस व्हिस्की जॉनी वॉकर, चिवास रीगल, सिंगल माल्ट स्कॉच, ग्लेनमोरांजी, ब्लेंडेड स्कॉच व्हिस्की और जुरा की कीमतें घट सकती हैं. ब्रिटेन के प्रीमियम जिन ब्रांड्स, जैसे टैनक्वेरे (Tanqueray) और बॉम्बे सैफायर (Bombay Sapphire), बिफीटर (Beefeater) और गॉर्डन्स (Gordon’s) भी सस्ते हो सकते हैं.
कितनी कम हो सकती है इनकी कीमत
एक अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर किसी ब्रिटिश व्हिस्की की कीमत 3000 रुपये है तो FTA के बाद इस स्कॉच व्हिस्की की बोतल की कीमत 1200 रुपये तक हो सकती है. वहीं 4000 रुपये की जिन की बोतल 1600 रुपये में मिल सकती है.
गोवा की फेनी को मिला इंटरनेशनल मार्केट
गुरुवार को भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर के बाद गोवा की फेमस शराब फेनी और केरल की पारंपरिक ताड़ी को यूनाइटेड किंगडम (UK) ने बड़ा मार्केट दिया है. पीटीआई के अनुसार, गोवा की फेनी, नासिक की वाइन और केरल की ताड़ी जैसे भारतीय पेय को नया मार्केट मिला है, जिससे वैश्विक स्तर पर इनकी पकड़ और भी ज्यादा मजबूत होगी. अब ये चीजें यूके के खुदरा दुकानों और उच्च स्तरीय आतिथ्य स्थलों पर भी मिलेंगी.
1 अरब डॉलर तक वाइन एक्सपोर्ट करने का लक्ष्य
भारत के ये पारंपरिक मादक पेय अब स्कॉच व्हिस्की जैसे विश्व प्रसिद्ध ब्रांडों के साथ कम्पीट करेंगे, जो प्राकृतिक, जैविक और विरासत-समृद्ध उत्पादों की ब्रिटेन में बढ़ती मांग को पूरा करेंगे. मंत्रालय ने आगे कहा कि रिटेल मार्केट के अलावा, FTA हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में निर्यात के अवसर खोलता है, जिससे भारतीय अल्कोहल पेय पदार्थों को एक नया अंतरराष्ट्रीय मंच मिलेगा. ये मंच भारत के मादक पेय एक्सपोर्ट को बढ़ाएगा. अभी 370.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के इस क्षेत्र को 2030 तक 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर के पार पहुंचाने का लक्ष्य है.