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अल्लू अर्जुन को हुई चिंता, भगदड़ में घायल हुआ था बच्चा, बोले- मिलना चाहता हूं, लेकिन…

13 दिसंबर का दिन अल्लू अर्जुन और उनके परिवार वालों के लिए काफी टेंशन में बीता. दरअसल, एक्टर को हैदराबाद में संध्या थियटर में हुए हादसे को लेकर पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पर हाई कोर्ट ने उन्हें बेल दे दी. अल्लू 14 दिसंबर को जेल से रिहा होकर घर लौटे. बता दें कि संध्या थियटर में अल्लू अपने फैन्स से मिलने गए थे, जहां भीड़ बेकाबू हो गई. भगदड़ मची तो उसमें एक महिला की मौत हो गई. वहीं, एक 8 साल का बच्चा बेहोश हो गया था. हालांकि, बाद में बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया गया. उसका इलाज चल रहा है.

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अल्लू अर्जुन ने शेयर की पोस्ट

अल्लू ने 15 दिसंबर को एक पोस्ट शेयर की, जिसमें उन्होंने इसी बच्चे को लेकर चिंता जताई है. अल्लू ने लिखा- श्री तेज की हालत को लेकर मैं चिंतित हूं और उनके लिए सोच भी रहा हूं. हालांकि, वो डॉक्टर्स की निगरानी में हैं और उनका इलाज चल रहा है, लेकिन जो हुआ वो नहीं होना चाहिए था.

“मुझपर अभी लीगल चीजें चल रही हैं. ऐसे में मुझसे कहा गया है कि मैं अभी उस बच्चे और उसके परिवार से मिलने से बचूं. मेरी प्रार्थनाएं उसके परिवार के साथ हैं. बच्चे के इलाज में जो भी खर्च होता है और परिवार को मेरी जिस तरह से भी जरूरत हो, उससे मैं पीछे नहीं हटूंगा. मैं परिवार के साथ खड़ा हुआ हूं.”

“उम्मीद कर रहा हूं कि वो बच्चा जल्दी ही ठीक होकर घर लौटेगा. मैं जल्द ही बच्चे और उसके परिवार से मिलूंगा, ऐसी मैं कामना करता हूं. अल्लू अर्जुन.”

जेल से आने के बाद अल्लू अर्जुन ने कही थी ये बात

बता दें कि जेल से रिहाई मिलने के बाद अल्लू अर्जुन ने मीडिया संग बातचीत की थी. उन्होंने कहा था- चिंता की कोई बात नहीं है. मैं ठीक हूं. मैं कानून में यकीन रखता हूं. अदालत में यह केस चल रहा है तो मैं बीच में कॉमेंट नहीं करूंगा.मैं कानून का पालन करने वाला नागरिक हूं. मैं पुलिस के साथ सहयोग करूंगा. जिस महिला की जान गई है उनके परिवार के साथ मेरी संवेदना है. यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी. मैं परिवार को हर सम्भव तरीके से सहायता देने के लिए मौजूद रहूंगा और इस कठिन समय में उन्हें हर सम्भव सहायता प्रदान करूंगा.

घटना के बारे में बात करते हुए अल्लू अर्जुन ने कहा कि यह अनजाने में हुआ था. एक्टर बोले- जब मैं एक फिल्म देखने गया था, तो अचानक वो घटना घटी. यह जानबूझकर नहीं किया गया था. पिछले 20 सालों से मैं फिल्में देखने के लिए सिनेमाघर जा रहा हूं. यह हमेशा एक सुखद अनुभव रहा है, लेकिन इस बार चीजों ने एक अलग मोड़ ले लिया.

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