सीधी: जिले के शासकीय हाई स्कूल चिलरी कला में 1 अप्रैल को प्रवेशोत्सव कार्यक्रम बड़े धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर स्कूल शिक्षा विभाग एवं राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा विशेष भोज की व्यवस्था की गई थी, जिसमें बच्चों को पूरी, सब्जी और खीर दिए जाने की योजना थी. लेकिन विद्यालय में मध्यान्ह भोजन योजना के तहत बच्चों को भरपेट भोजन देने की बजाय, स्व सहायता समूह की मनमानी के कारण उन्हें केवल दो पूड़ी और पानी भरी आलू की सब्जी ही दी गई. इस लापरवाही से विद्यालय प्रशासन और शिक्षकों में भारी नाराजगी देखी गई.
स्व सहायता समूह की मनमानी, बच्चों को मिला अधूरा भोजन
विद्यालय में मध्यान्ह भोजन योजना को सही ढंग से लागू नहीं किया जा रहा है. विशेष भोज के नाम पर बच्चों को मात्र दो पूड़ी और पानी भरी आलू की सब्जी परोसी गई, जबकि उन्हें पौष्टिक और भरपेट भोजन देने का प्रावधान था. स्व सहायता समूह ‘स्वामी विवेकानंद महिला स्व सहायता समूह’ की इस लापरवाही पर विद्यालय के प्राचार्य रघुनंदन पटेल ने नाराजगी जताई और इस मुद्दे को संकुल प्राचार्य और अन्य अधिकारियों के समक्ष रखा. उन्होंने इस अनियमितता की शिकायत एसडीएम और अन्य विभागीय अधिकारियों से भी की है.
शिक्षकों ने जताई नाराजगी, कन्याओं का पूजन कर कराया भोजन
प्रवेशोत्सव के दौरान विद्यालय के शिक्षक राजेंद्र प्रसाद मिश्रा ने सभी कन्याओं के पैर धोकर उनका पूजन किया और फिर उन्हें मध्यान्ह भोजन कराया. लेकिन जब भोजन की गुणवत्ता देखी गई तो विद्यालय के स्टाफ और अन्य शिक्षकों ने इसे पूरी तरह से असंतोषजनक पाया. उन्होंने इस लापरवाही पर कड़ी आपत्ति जताई और कार्रवाही की मांग की.
शासन की योजना को पतीला, बच्चों के भविष्य से खिलवाड़
शासन द्वारा चलाई जा रही महत्वाकांक्षी मध्यान्ह भोजन योजना का उद्देश्य बच्चों को पौष्टिक और भरपेट भोजन उपलब्ध कराना है. लेकिन विद्यालय में इस योजना के क्रियान्वयन में लगातार लापरवाही देखी जा रही है. स्व सहायता समूह की अनदेखी और लापरवाही के कारण बच्चों को पर्याप्त भोजन नहीं मिल पा रहा है। इससे उनके स्वास्थ्य और शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है.
विद्यालय प्रशासन ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है. ताकि भविष्य में बच्चों के भोजन में इस तरह की लापरवाही न हो और उन्हें गुणवत्तापूर्ण और भरपेट भोजन मिल सके.