मध्य प्रदेश में उज्जैन के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में भस्म आरती में एंट्री के नाम पर ठगी रोकने के लिए मंदिर प्रबंधन ने नायाब तरीका निकाला है. मंदिर प्रबंधन ने ऐसी व्यवस्था की है कि अब कोई अनाधिकृत व्यक्ति भस्म आरती में प्रवेश ही नहीं कर पाएगा. इस व्यवस्था के तहत भक्तों के लिए फास्ट टैग यानी रेडियो फ्रीक्वेंसी बैंड लगाना अनिवार्य कर दिया है. अब भस्म आरती में शामिल होने वाले भक्तों को हाथों में एक बैंड पहनना होगा. यह बैंड मंदिर के गेट पर स्कैन होगा और इसके बाद ही उन्हें अंदर प्रवेश मिलेगा.इसी तरह की व्यवस्था मेट्रो स्टेशनों और हवाई अड्डों पर पहले से है.
इसके अलावा कई कॉरपोरेट कंपनियों के कैंपस में प्रवेश के लिए भी इस तरह का आरएफआईडी सिस्टम लगे हैं. मंदिर प्रबंधन के मुताबिकअभी करीब 1600 भक्त रोजाना भस्म आरती में पहुंच रहे हैं. त्योहारों के वक्त भीड़ काफी बढ़ जाती है. ऐसे में इन सभी भक्तों के लिए भस्म आरती में प्रवेश से पूर्व आरएफआईडी जारी किया जाएगा. इससे उनका बॉयोमेट्रिक डाटा भी उपलब्ध रहेगा. मंदिर प्रबंधन के मुताबिक रोजाना सुबह 4 बजे बाबा महाकाल की भस्म आरती होती है. इसे देखने के लिए हर आदमी लालायित रहता है, लेकिन एंट्री केवल 1600 श्रद्धालुओं को ही मिल पाती है.
आरएफआईडी से मिलेगा प्रवेश
इसमें एंट्री के लिए श्रद्धालुओं को ऑफलाइन, ऑनलाइन और प्रोटोकॉल के तहत परमिशन दी जाती है. इसी व्यवस्था का जालसाज फायदा उठा रहे थे. वह भक्तों से 8 से 10 हजार रुपये लेकर फर्जी पास जारी कर देते हैं. इस तरह के मामले लगातार पकड़े भी जा रहे हैं. इस अव्यवस्था को देखते हुए मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं को जागरुक करने की कोशिश तेज कर दी है. इसी के साथ ऐसी व्यवस्था की है कि अब केवल उन्हीं श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा, जिनके हाथ पर आरएफआईडी लगी होगी.
फ्लैप बैरियर से जुड़े होंगे टैग
श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश धाकड़ के मुताबिक नए सिक्योरिटी इंतजाम से ठगी के मामलों में कमी आएगी. उन्होंने बताया कि एक बार आरएफआईडी बांध लेने के बाद श्रद्धालुओं को बार-बार परमिशन दिखाने की भी जरूरत नहीं होगी.उन्होंने बताया कि यह आरएफआईडी श्रद्धालु भस्म आरती पूर्ण होने तक हाथ में बांधे रखनी होगी. उन्होंने बताया कि यह सभी फास्ट टैग फ्लैप बैरियर से अटैच होंगे. इससे फायदा यह होगा कि जैसे ही कोई व्यक्ति यह बैंड लगाकर बैरियर पर पहुंचेगा, अपने आप बैरियर उठ जाएगा. इसी तरह की व्यवस्था आम तौर पर मेट्रो स्टेशन व एयरपोर्ट पर भी देखने को मिलती है.