बेंगलुरु और गुजरात में HMPV वायरस के मामले रिपोर्ट किए जाने के बाद अब महाराष्ट्र (Maharashtra) में भी इसकी एंट्री हो गई है. सूबे के नागपुर में दो बच्चों की HMPV टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. शहर के रामदासपेठ स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल में दो बच्चों को खांसी और बुखार के चलते इलाज के लिए हॉस्पिटल लाया था. नागपुर में 3 जनवरी को निजी अस्पताल में 7 साल के बच्चे और 14 साल की बच्ची की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इन दोनों बच्चों को खांसी और बुखार था. अब देश भर में HMPV के कुल सात मामले हो चुके हैं. महाराष्ट्र से पहले HMPV के दो केस बेंगलुरु में, एक अहमदाबाद में और दो चेन्नई में रिपोर्ट किए गए थे.
महाराष्ट्र सरकार की स्वास्थ विभाग टीम वायरस को लेकर अलर्ट मोड पर है. खांसी, बुखार और सारी नाम की बिमारी के मरीजों को विशेष ध्यान देने के लिए कहा गया है. सरकार ने लोगो से अपील की है कि वो घबराए नहीं. स्वास्थ विभाग की तरफ से इस वायरस के संबंध में जल्द ही गाईडलाइंस जारी की जाने वाली है.
क्या है HMPV वायरस?
HMPV वायरस को पहली बार 2001 में नीदरलैंड में पहचाना गया था. यह वायरस मौसमी होता है, आमतौर पर सर्दी और गर्मी के शुरुआती दिनों में ज्यादा प्रभावी होता है, और इसके लक्षण फ्लू और आरएसवी से मिलते-जुलते हैं. 03 जनवरी को, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र ने बयान जारी कर चीन में एचएमपीवी वायरस की रिपोर्ट पर चिंता न करने की सलाह दी है. सावधानियों का पालन किया जा रहा है, और डर पैदा करने जरूरत नहीं है.
‘चिंता की कोई बात नहीं’, बोले स्वास्थ्य मंत्री नड्डा
स्वास्थ्य मंत्री ने एक बयान में कहा, “हालात की समीक्षा के लिए 4 जनवरी को स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक की अध्यक्षता में संयुक्त निगरानी समूह की बैठक हुई. देश की स्वास्थ्य सिस्टम और निगरानी नेटवर्क सतर्क हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि देश किसी भी उभरती स्वास्थ्य चुनौतियों का तुरंत जवाब देने के लिए तैयार है. चिंता करने की कोई बात नहीं है. हम स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं.”
एचएमपीवी वायरस से बचने के लिए क्या करें, क्या न करें?
ये करें:
● खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को रूमाल या टिशू पेपर से ढकें.
● अपने हाथों को बार-बार साबुन और पानी या अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर से धोएं.
● यदि आपको बुखार, खांसी और छींक है तो सार्वजनिक स्थानों से दूर रहें.
● खूब पानी पिएं और पौष्टिक भोजन खाएं.
● संक्रमण को कम करने के लिए सभी क्षेत्रों में पर्याप्त वेंटिलेशन सुनिश्चित करें.
ये ना करें:
● हाथ मिलाने से बचें.
● टिशू पेपर और नैपकिन का पुनः उपयोग न करें.
● बीमार लोगों के साथ निकट संपर्क से बचें.
● अपनी आंखों, नाक और मुंह को बार-बार छूने से बचें.
● सार्वजनिक स्थान पर थूकने से बचें.
● डॉक्टर की सलाह के बिना दवा लेने से बचें.