जसवंतनगर/इटावा: भोगनीपुर गंग नहर से निकली खारजा झाल में पानी छोड़े जाने के बाद हालात बिगड़ गए हैं. नहर में अत्यधिक पानी आने के कारण सप्तधारा कुंड पर स्थित दरों से डेढ़ फुट ऊपर से पानी गिर रहा है. तीन से चार दर कूड़े से भरे होने के कारण पानी का बहाव बाधित हो गया और ओवरफ्लो होकर आसपास के खेतों में भर गया.
इससे मौजा नगला सलहदी और नगला रामसुन्दर मौजा के मिलान क्षेत्र के लगभग 100 बीघा से अधिक बाजरे की फसल पूरी तरह जलमग्न हो गई. ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है. ग्रामीण अवनीश, रमेश, अशोक, करू, साहब सिंह, रोशन, श्याम सिंह, दलेल और भगवान सिंह का आरोप है कि समस्या की जड़ नहर विभाग की लापरवाही है. वर्षों से खारजा झाल की सफाई नहीं कराई गई, जिससे यह कचरे और रेतीली मिट्टी से भर गई है.
जब इस संबंध में नहर विभाग के एई हरपाल सिंह से बात की गई तो उन्होंने साफ कहा कि बजट न होने के कारण सफाई नहीं हो पाई. उन्होंने बताया कि फिलहाल कई क्षेत्रों में बाढ़ का प्रकोप है, जिसके चलते नहरों में पानी का दबाव अधिक है और खारजा झाल के माध्यम से यह पानी यमुना नदी में छोड़ा जा रहा है.
एई ने कहा कि गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान किसी प्रकार की दुर्घटना न हो, इसके लिए नहर में पानी का प्रवाह भी कम किया गया है. प्रभावित खेतों की स्थिति का आकलन करने के लिए संबंधित जेई महिपाल सिंह को मौके पर भेजा गया है और पानी का दबाव कम कराया जा रहा है. विभाग का दावा है कि आगे किसानों को नुकसान न हो, इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.