इटावा: तहसील जसवंतनगर के ग्राम पंचायत खेड़ा बुजुर्ग के अंतर्गत नगला भगवत गांव में सोमवार को एक दर्दनाक घटना सामने आई. गांव में पानी की निकासी के लिए बना नाला घास से पूरी तरह ढका हुआ था, जिस कारण वह दिखाई नहीं दे रहा था. इसी दौरान गांव निवासी शिवराम सिंह अपनी भैंस को घर ले जा रहे थे कि अचानक भैंस घास से ढके नाले में जा गिरी. अचानक घटी इस घटना से पूरे गांव में अफरा-तफरी का माहौल बन गया.
देखते ही देखते बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए. भैंस को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए ग्रामीणों ने पूरी ताकत झोंक दी. करीब एक घंटे तक चली कड़ी मशक्कत और प्रयासों के बाद आखिरकार भैंस को नाले से बाहर निकाल लिया गया. ग्रामीणों का कहना था कि अगर समय रहते प्रयास न किए जाते तो भैंस की जान जा सकती थी. भैंस को बाहर निकालने में लगभग एक दर्जन ग्रामीणों ने मिलकर सहयोग किया, जिनमें श्याम सिंह, देवेंद्र कुमार, रवीश कुमार, बन्टू, संकुल, वाणासुर सिंह यादव आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे.
इस दौरान गांव की कई महिलाओं ने भी पुरुषों के साथ मिलकर भैंस को निकालने में अहम योगदान दिया. गांव में इस घटना के बाद नाले की सफाई और ढकाव को लेकर चर्चा भी तेज हो गई है. ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नाले की नियमित साफ-सफाई और मरम्मत की जाए.