जसवंतनगर: जनपद इटावा के मल्हूपुर गांव में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है, जहां 58 वर्षीय श्याम सुंदर, पुत्र रामनाथ, 11 हजार वोल्ट की हाई टेंशन लाइन की चपेट में आने से गंभीर रूप से झुलस गए. यह घटना तब हुई जब श्याम सुंदर गांव में रखे ट्रांसफार्मर के पास से गुजर रहे थे, तभी अचानक वे बिजली के तारों की चपेट में आ गए. इस हादसे के बाद पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया और ग्रामीणों में बिजली विभाग की घोर लापरवाही के प्रति गहरा आक्रोश देखने को मिल रहा है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, श्याम सुंदर जैसे ही ट्रांसफार्मर के समीप पहुंचे, वे अचानक हाई टेंशन लाइन की चपेट में आ गए. तेज करंट लगते ही वे अचेत होकर जमीन पर गिर पड़े और उनके शरीर का एक बड़ा हिस्सा बुरी तरह झुलस गया. करंट की तेज झटका इतना भयावह था कि श्याम सुंदर तुरंत बेहोश हो गए.
घटना की सूचना मिलते ही परिजन और आसपास के ग्रामीण तत्काल मौके पर पहुंचे. उन्होंने तुरंत 108 एंबुलेंस को फोन किया. एंबुलेंस के पायलट सत्येंद्र पाल सिंह और ईएमटी (इमरजेंसी मेडिकल तकनीशियन) धीरेंद्र प्रताप की त्वरित सहायता से श्याम सुंदर को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जसवंतनगर ले जाया गया. वहां चिकित्सकों ने उनकी गंभीर हालत को देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें तुरंत सैफई मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया. वर्तमान में श्याम सुंदर का इलाज सैफई मेडिकल कॉलेज में चल रहा है, जहां उनकी हालत बेहद नाजुक बनी हुई है और वे जीवन-मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं.
इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद मल्हूपुर गांव के ग्रामीणों में बिजली विभाग के प्रति भारी नाराजगी है. ग्रामीणों का स्पष्ट आरोप है कि बिजली विभाग द्वारा सुरक्षा मानकों का बिल्कुल भी पालन नहीं किया जा रहा है. उनका कहना है कि गांव में लगे ट्रांसफार्मर और हाई टेंशन लाइनों के आसपास न तो उचित घेराबंदी की गई है और न ही सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि ऐसी लापरवाही के कारण ही आए दिन इस तरह के हादसे हो रहे हैं, जिनमें निर्दोष लोग अपनी जान गंवा रहे हैं या गंभीर रूप से घायल हो रहे हैं.
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप करने और बिजली विभाग को सख्त निर्देश देने की मांग की है कि वे सुरक्षा उपायों को अविलंब लागू करें. उनकी मांग है कि ट्रांसफार्मर के चारों ओर उचित बाउंड्री वॉल बनाई जाए और हाई टेंशन लाइनों को सुरक्षित ऊंचाई पर किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके. ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो वे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.