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इटावा तहसील दिवस: शिकायतों का निस्तारण नहीं, जनता को मिला सिर्फ आश्वासन

इटावा: तहसील जसवंतनगर में आयोजित तहसील दिवस में एक बार फिर जनता की समस्याओं का समाधान न होने का मामला सामने आया है. इस दिन प्रशासन ने जनता की शिकायतें सुनने और उनके निवारण का दावा किया जाता है, लेकिन हकीकत इससे बिलकुल अलग रही.

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तहसील परिसर में शनिवार को आयोजित इस कार्यक्रम में जिलाधिकारी अवनीश राय और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा की मौजूदगी में सैकड़ों लोग अपनी समस्याओं को लेकर पहुंचे थे. लेकिन, अधिकारियों के आश्वासन के बावजूद, अधिकांश शिकायतों का निस्तारण नहीं हो सका.

लेखपालों ने रोकीं शिकायतें

सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि शिकायत दर्ज करने के लिए लेखपालो को बैठा दिया था. लेखपालों ने कई शिकायतों को यह कहकर वापस कर दिया कि वे स्वयं इन मामलों को देख लेंगे. इस कारण, लगभग 25 से 30 शिकायतें होने के बावजूद, आधिकारिक तौर पर केवल 13 शिकायतें ही दर्ज की गईं.

लंबित मामलों का बोझ

जिन 13 शिकायतों को दर्ज किया गया, उनमें से भी अधिकांश लंबे समय से लंबित मामलों से संबंधित थीं. ग्रामीण क्षेत्रों से आए लोगों ने जमीन पर कब्जे, जलभराव, वृद्धा पेंशन न मिलने जैसी समस्याओं को लेकर शिकायतें कीं. नगरपालिका क्षेत्र से आए लोगों ने सड़कों के गड्ढों और नालों की सफाई न होने जैसी समस्याओं को उठाया.

जनता में तहसील दिवस में लेखपालों द्वारा शिकायत दर्ज न करने मायूसी दिखी तहसील दिवस में हुई इस घटना से जनता में रोष व्याप्त है. लोगों का कहना है कि वे बार-बार प्रशासन के पास अपनी समस्याओं को लेकर जाते हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती.

अधिकारी केवल आश्वासन ही देते हैं. प्रशासन की जिम्मेदारी इस मामले में प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि वह जनता की समस्याओं को गंभीरता से ले और उनके त्वरित निवारण के लिए कदम उठाए. इसके लिए आवश्यक है कि शिकायत निवारण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए और अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाए.

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