इटावा : इटावा महोत्सव में एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई है.सोमवार की रात को आयोजित महोत्सव में लगे एक झूले की ट्रॉली टूटने से कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. करीब 60 फीट की ऊंचाई से गिरने वाली ट्रॉली में सवार लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
यह पहली बार नहीं है जब इस महोत्सव में झूले से जुड़ा हादसा हुआ हो. हर साल इस तरह की घटनाएं सामने आती रहती हैं, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि आयोजकों द्वारा सुरक्षा मानकों की पूरी तरह से अनदेखी की जा रही है.झूले के मालिकों की लापरवाही के कारण कई लोगों को चोटें आई हैं और कई लोगों की जान भी जा चुकी है.
इस हादसे के बाद प्रशासन हरकत में आया है और सभी झूलों को बंद कर दिया गया है.संबंधित ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करने की बात भी कही जा रही है.लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर इतने हादसों के बाद भी प्रशासन क्यों हर बार सोता रहता है?
यह घटना एक बार फिर यह दर्शाती है कि हमारे देश में सुरक्षा मानकों को कितनी हल्के में लिया जाता है.चाहे वह कोई बड़ा आयोजन हो या फिर छोटा, सुरक्षा के नाम पर लापरवाही बरती जाती है.इस तरह की घटनाओं से लोगों का जीवन खतरे में पड़ता है और सरकार की छवि भी धूमिल होती है.
इस घटना से यह भी पता चलता है कि हमें सुरक्षा के प्रति जागरूक होने की जरूरत है.हमें अपने अधिकारों के बारे में जानना चाहिए और अगर कहीं कोई सुरक्षा खतरा दिखाई दे तो हमें तुरंत प्रशासन को सूचित करना चाहिए.
यह हादसा एक सबक है हमारे लिए कि हमें सुरक्षा को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए.सरकार को भी इस मामले में सख्त कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.