उत्तर प्रदेश : इटावा में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा झोला छाप डॉक्टरों पर कार्रवाई नहीं की जा रही जिसकी वजह से लगातार दिन बादिन इनकी संख्या बढ़ती जा रही है.और यह लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.आखिरकार स्वास्थ्य विभाग इन पर कब कार्रवाई करेगा.
झोलाछाप डॉक्टरों का पूरे जिले में फैला जाल
इटावा जिले में लगातार मरीजों की जिंदगी के साथ झोलाछाप डॉक्टर खिलवाड़ खिलवाड़ करते हुए दिखाई दे रहे हैं.जनपद में इकदिल,बकेवर,भरथना, लखना, बसरेहर, जसवंतनगर, सदर समेत पूरे जिले में झोला छाप डॉक्टर लगातार बिना जानकारी के मरीजों का इलाज कर रहे हैं.
अगर बात की जाये इकदिल क्षेत्र की तो यहां भी ज्यादातर डॉक्टर झोलाछाप मौजूद है.जिले में इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है.यहां तक की स्वास्थ्य विभाग को झोलाछाप डॉक्टरों की जानकारी होने की बावजूद भी इन पर कोई भी एक्शन नहीं लिया जाता है.वहीं जिले में जगह-जगह पर पैथोलॉजी भी खुली हुई.जहां झोलाछाप डॉक्टरों की मिली भगत से मरीजों की रिपोर्ट को तैयार किया जाता है और फिर झोलाछाप डॉक्टर पैथोलॉजी संचालन करने वालों से 50% के हिसाब से अपना हिस्सा लेते हैं.यहां कई ऐसी पैथोलॉजी है जो कि फर्जी तरीके से चल रही है.
झोलाछाप डाक्टर मरीजों के लिए रहे जान
झोलाछाप डॉक्टरों के वजह से मरीजों की मौत के ऐसे जिले में कई मामले आते रहे हैं और इन मामलों को लेकर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा करवाई तो की जाती है लेकिन कुछ दिन बाद वही अस्पताल फिर से खुल जाते हैं.जिससे झोलाछाप डॉक्टरों के हौसले तों बुलंद होते हैं साथ ही साथ फिर से मरीजों की जान लेने की झोला छाप डॉक्टर तैयारी शुरू कर देते हैं.
डिप्टी सीएमओ ने झोलाछाप डॉक्टरों को लेकर कही बात
डिप्टी सीएमओ ने जानकारी देते हुए बताया है कि जिले में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है. लगातार कार्रवाई भी की जा रही है. हमारी टीम इस पर रोजाना कसबो और शहर में पहुंचकर झोला छाप डॉक्टरों की तलाश कर रही है.
झोला छाप डॉक्टर की जैसे ही जानकारी मिलती है वैसे ही हमारी टीम पहुंच जाती है और अस्पताल को सीज करने की कार्रवाई की जाती है. साथ ही साथ मुकदमा भी दर्ज किया जाता है.जिले में किसी भी तरीके से कोई भी झोलाछाप डॉक्टर अपना अस्पताल या क्लीनिक नहीं चला पाएगा.