इटावा: उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में एक नवविवाहित जोड़े ने अपनी शादी के दिन एक ऐसा अनूठा संकल्प लिया है, जिसने पूरे क्षेत्र में चर्चा का माहौल पैदा कर दिया है, भरथना क्षेत्र के निवासी दूल्हे अतुल और महेवा क्षेत्र की दुल्हन लवी ने विवाह के पवित्र बंधन में बंधने के साथ ही मानवता की सेवा के लिए एक असाधारण कदम उठाया है.
उन्होंने शादी के मंडप में पंडित द्वारा दिलाए जाने वाले सात पारंपरिक वचनों के साथ-साथ आठवां वचन लेकर अपने शरीर को मृत्यु के पश्चात चिकित्सा विज्ञान के अध्ययन और जरूरतमंदों के उपयोग के लिए दान करने का संकल्प लिया. यह अभूतपूर्व घटनाक्रम तब सामने आया जब सैफई के एनाटॉमी विभाग के अध्यक्ष डॉ. नित्यानंद स्वयं विवाह समारोह में पहुंचे, उन्होंने उपस्थित सभी लोगों के समक्ष नवविवाहित जोड़े की देहदान की इच्छा से संबंधित आवश्यक कानूनी औपचारिकताओं को पूरा कराया और उनकी इस घोषणा को कानूनी मान्यता प्रदान की. डॉ. नित्यानंद ने इस युवा जोड़े के निस्वार्थ भाव की सराहना करते हुए कहा कि उनका यह कदम समाज के लिए एक प्रेरणास्रोत है और इससे चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा.
अतुल और लवी का यह फैसला न केवल उनके परिवारों के लिए बल्कि पूरे समुदाय के लिए गर्व का विषय बन गया है। शादी जैसे महत्वपूर्ण अवसर पर अपने बारे में सोचने के बजाय, उन्होंने मृत्यु के बाद भी दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने का संकल्प लेकर एक मिसाल कायम की है। उनके इस साहसिक निर्णय की हर तरफ प्रशंसा हो रही है और लोग उनके इस निस्वार्थ सेवा भाव को सलाम कर रहे हैं.
इस अनूठे संकल्प के बारे में सुनकर विवाह समारोह में उपस्थित मेहमान भी भावुक हो गए और उन्होंने इस जोड़े के उज्जवल भविष्य की कामना की, कई लोगों ने इस जोड़े से प्रेरणा लेते हुए भविष्य में देहदान करने की इच्छा भी जताई, यह घटना दिखाती है कि युवा पीढ़ी न केवल अपनी परंपराओं का सम्मान करती है बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी को भी बखूबी समझती है, अतुल और लवी का यह कदम निश्चित रूप से अन्य लोगों को भी इस नेक कार्य के लिए प्रेरित करेगा और समाज में सकारात्मक बदलाव लाएगा, उनका यह अनूठा संकल्प इटावा जिले के इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा.