इटावा:-बसरेहर वन रेंज में एक बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित लकड़ी का भंडारण पाया गया है, जिससे क्षेत्र में अवैध लकड़ी की तस्करी की गतिविधियों पर सवाल उठ रहे हैं. स्थानीय सूत्रों के अनुसार, वन विभाग की टीम ने इकदिल कस्बे में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है और ऐसा माना जा रहा है कि लकड़ी माफियाओं को केवल चेतावनी देकर छोड़ दिया गया है.
सूत्रों का दावा है कि आरा मशीनों पर नीम, शीशम, आम, जामुन और सागौन जैसी कई प्रतिबंधित प्रजातियों की लकड़ी का भंडारण किया गया है। यह दर्शाता है कि लकड़ी माफिया बिना किसी डर के अवैध कटान कर रहे हैं, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘ग्रीन इंडिया, क्लीन इंडिया’ अभियान के विपरीत है.
इस घटना ने वन विभाग की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. क्या वन विभाग के कुछ कर्मचारी इस अवैध गतिविधि में शामिल हैं? यह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब जानना बहुत जरूरी है. इटावा के डीएफओ अतुल कांत शुक्ला से अब उम्मीद की जा रही है कि वे इस मामले की गहराई से जांच करेंगे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। जनता इस मामले में पारदर्शिता और न्याय की मांग कर रही है.
प्रतिबंधित प्रजातियों की लकड़ी का बड़े पैमाने पर कटान स्थानीय पारिस्थितिक तंत्र को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा रहा है.ऐसा लगता है कि वन विभाग के कुछ अधिकारी इस अवैध गतिविधि में शामिल हो सकते हैं, जो भ्रष्टाचार का एक गंभीर मामला है.