केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने बताया है पेट्रोल और डीजल में एथनॉल मिलाकर भारत सरकार ने 99 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा बचाए हैं. भारत सरकार के एथनॉल मिक्सिंग प्रोग्राम की मदद से 17.3 मिलियन मीट्रिक टन कच्चे तेल का कम इस्तेमाल किया गया. साथ ही 51.9 मिलियन टन कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) उत्सर्जन भी कम हुआ है. हरदीप सिंह पुरी ने एथनॉल मिक्सिंग प्रोग्राम को सफल बताते हुए इसका ज्यादा से ज्यादा उत्पादन एवं प्रयोग बढ़ाने की मंजूरी भी दी है.
केंद्रीय मंत्री ने सोमवार को कहा कि साल 2014 के बाद से एथनॉल मिक्सिंग प्रोग्राम की मदद से हमें विदेशी मुद्रा में 99,014 करोड़ रुपये की बचत हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने 15 फीसदी एथनॉल मिक्सिंग का लक्ष्य हासिल कर लिया है. इसे अब एथनॉल सप्लाई ईयर 2025-26 तक 20 फीसदी तक ले जाना है. इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑन बायोएनर्जी (International Conference on Bioenergy) में बोलते हुए हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि ऑटोमोटिव ईंधन में एथनॉल के बढ़ते उपयोग ने 2014 के बाद से देश ने 17.3 मिलियन मीट्रिक टन कच्चे तेल का एक ऑप्शन दिया है. यदि एथनॉल मिक्सिंग प्रोग्राम नहीं चल रहा होता तो हमें इतना कच्चा तेल मंगाना पड़ता.
उन्होंने कहा कि एथनॉल मिक्सिंग प्रोग्राम ने पिछले एक दशक में कार्बन उत्सर्जन में भी 51.9 मिलियन मीट्रिक टन की कमी की है. यह आंकड़े 14 जुलाई, 2024 तक के हैं. ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने साल 2014 के बाद से डिस्टिलर्स को 1.45 ट्रिलियन रुपये का पेमेंट किया है जबकि किसानों को लगभग 87,558 करोड़ रुपये. पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि ई20 पेट्रोल (20 फीसदी एथनॉल मिक्स्ड पेट्रोल) अब देश में 15,600 से ज्यादा पेट्रोल पंप उपलब्ध है. केंद्र सरकार ने मार्च में ई100 ईंधन (E100 Fuel) भी लॉन्च किया था. इसमें 5 फीसदी पेट्रोल और 1.5 फीसदी को सॉल्वेंट और 93-93.5 फीसदी एथनॉल शामिल है. यह अपनी हाई ऑक्टेन रेटिंग के साथ हाई परफॉरमेंस इंजन के लिए बेहतरीन है. इससे इंजन की ताकत बढ़ती है.
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हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि सरकार ने फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (Food Corporation of India) से एथनॉल डिस्टिलरीज को चावल की सप्लाई फिर से शुरू कर दी है. इससे उन्हें अगस्त, 2024 से अक्टूबर, 2024 तक ई-ऑक्शन के माध्यम से 23 लाख टन तक चावल खरीदने की अनुमति मिल गई है. इसके साथ ही एथनॉल उत्पादन बढ़ाने के प्रयास में डिस्टिलरीज को गन्ने के रस और सिरप की आपूर्ति नवंबर, 2024 से शुरू होगी. सरकार ने एथनॉल सप्लाई के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन भी दिया है.