उत्तर प्रदेश के हाथरस से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां आर्थिक तंगी से जूझ रही एक मां ने अपने नवजात शिशु को कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद ममता नाम के किन्नर को सौंप दिया. हालांकि स्थानीय लोगों ने इस पर आपत्ति जताई. इसके बाद पुलिस ने बच्चे को बरामद कर चाइल्ड लाइन संस्था के सुपुर्द कर दिया है.
पूरा मामला हाथरस जिले के थाना सदर कोतवाली क्षेत्र का है. जानकारी के मुताबिक, लाला का नगला निवासी मंजू रानी के पति डेविल की आकस्मिक मौत हो जाने के बाद से वह आर्थिक तंगी से जूझ रही थी. इस समय मंजू रानी एक से दो माह की गर्भवती थीं.
मां ने नवजात को किन्नर को सौंपा
इसी दौरान मंजू रानी की मुलाकात शाहपुर कला निवासी ममता नाम के किन्नर से हुई. मंजू ने अपनी मजबूरी और बच्चे के भविष्य को लेकर ममता से बात की. इस पर ममता किन्नर ने बच्चे के जन्म के बाद उसे गोद लेने की बात कही. बच्चे का जन्म होने पर बाकायदा कानूनी प्रक्रिया पूरी की गई और बच्चा ममता किन्नर को सौंप दिया गया.
लोगों ने जताई आपत्ती
मामले की जानकारी होने पर स्थानीय लोगों ने इस पर आपत्ति जताई और इसकी शिकायत पुलिस से कर दी. शिकायत मिलते ही पुलिस हरकत में आई और बच्चे को ममता किन्नर के पास से बरामद कर लिया. डॉक्टरों से जांच कराने के बाद नवजात को चाइल्ड लाइन संस्था को सौंप दिया गया. मामला तूल तब पकड़ गया जब बच्चे को वापस पाने के लिए किन्नर समाज के लोग जिलाधिकारी से मिलने पहुंचे और अपना पक्ष रखा.
फिलहाल मामला प्रशासन के पास है और जांच जारी है. इस घटना ने समाज में कई सवाल खड़े कर दिए हैं. आखिर किन हालातों ने एक मां को अपना बच्चा किसी दूसरे को सौंपने जैसा बड़ा कदम उठाने पर मजबूर कर दिया? क्या यह सिर्फ आर्थिक तंगी थी, या फिर कुछ और?