नई दिल्ली सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन (EV) नीति को मार्च 2026 तक बढ़ा दिया है। यह फैसला मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया। ट्रांसपोर्ट मंत्री पंकज सिंह ने बताया कि नई EV नीति का ड्राफ्ट अभी तैयार किया जा रहा है, जिस पर सार्वजनिक चर्चा होगी, इसलिए मौजूदा नीति को फिलहाल बढ़ाया गया है।
पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) अधिकारियों के साथ एंड-ऑफ-लाइफ गाड़ियों को लेकर इनोवेशन चैलेंज पर बैठक की। इसके बाद EV नीति विस्तार पर मुहर लगाई गई।
मंत्री पंकज सिंह ने बताया कि सरकार नई नीति तैयार करने से पहले आम नागरिकों, उद्योग विशेषज्ञों, निजी संगठनों और पर्यावरण समूहों से सलाह लेगी। नई नीति में ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने, सब्सिडी और छूट की समीक्षा, ई-वेस्ट और बैटरी डिस्पोजल जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होगी।
दिल्ली EV पॉलिसी का मकसद राजधानी में अधिक से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करना है। खासतौर पर सार्वजनिक और वाणिज्यिक वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलने पर जोर रहेगा। योजना के तहत पुरानी और प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों को धीरे-धीरे हटाया जाएगा, पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम की जाएगी और वायु प्रदूषण में कमी लाई जाएगी।
नीति के तहत पेट्रोल टू-व्हीलरों की संख्या पर नियंत्रण, सीएनजी ऑटो की जगह इलेक्ट्रिक ऑटो को बढ़ावा, ई-साइकिल, ई-रिक्शा, ई-कार्ट, छोटे कमर्शियल व्हीकल्स के लिए सब्सिडी और छूट दी जाएगी। इसके अलावा, चार्जिंग स्टेशनों और बैटरी स्वैपिंग पॉइंट्स की संख्या भी बढ़ाई जाएगी ताकि इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में लोगों को सुविधा हो।