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ग्यारह बार दंडित होने होने के बाद भी दरोगा मे नही हुआ सुधार, अधिकारियो ने किया अनिवार्य सेवानिवृत

बरेली :  सरकारी सेवाओं में दक्षता और अनुशासन बनाए रखने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में बरेली परिक्षेत्र के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की समीक्षा और अनुशंसा के बाद उप निरीक्षक इशरत अली खान को अनिवार्य सेवा निवृत का आदेश किया गया है.दरोगा के खिलाफ हुई कार्यवाही से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है.

 

उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय लखनऊ के आदेश अनुसार ऐसे सभी अराजपत्रित कर्मचारी जो 31 मार्च 2024 तक 50 वर्ष या उससे अधिक आयु पूरी कर चुके हैं की सेवाओं की समीक्षा कर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि उनकी कार्य प्रणाली मे कोई कमी ना हो. इस दिशा में एडीजी रमित शर्मा के निर्देश पर जनपद में नियुक्त कर्मियों की सेवाओं का परीक्षण किया गया.

उनके द्वारा गठित समिति ने उप निरीक्षक इशरत अली खान की सेवा अभिलेखों का गहन अध्ययन किया.इस दौरान समिति ने पाया कि दरोगा इशरत अली खान को कुल ग्यारह बार दंडित किया गया है.समिति ने पाया कि उनकी कार्यशैली में कोई सुधार की संभावना नहीं है.जिसपर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य की अनुशंसा और आईजी रेंज डाक्टर राकेश सिंह की स्वीकृति के बाद दरोगा को अनिवार्य रूप से सेवा निवृत करने का निर्णय लिया गया है.

यह कदम सरकारी सेवा में अनुशासन पारदर्शिता और दक्षता को प्रोत्साहन करने के लिए उठाया गया है.प्रदेश पुलिस ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि कर्मियों की कार्यशैली से जनता की सेवा प्रभावित न हो इस कार्रवाई से यह स्पष्ट संदेश जाता है कि पुलिस विभाग में अनुशासन पारदर्शिता के मांगों से कोई समझौता नहीं किया गया .

बरेली परिक्षेत्र में इस निर्णय से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है.अब इस विभाग में काम करने वाले कर्मियों के लिए यह एक सीख है कि सरकारी सेवा में अनुशासन और ईमानदारी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए.

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