उत्तराखंड के अल्मोड़ा के जंगल में आग लग गई, जो करीब एक किलोमीटर के दायरे में फैलती चली गई, हालांकि इस आग में किसी की मौत या किसी तरह की कोई जनहानि की जानकारी नहीं है. ये आग काला पाथरी वन पंचायत के जंगल में लगी. उत्तराखंड में 15 फरवरी से फायर सीजन शुरू होता है, लेकिन इस साल फरवरी नहीं बल्कि जनवरी में ही जंगल में आग लगनी शुरू हो गई है.
मंगलवार को उत्तराखंड के तीन जंगलों में आग लगी. कई घंटों में दमकल विभाग की गाड़ियों ने आग पर मुश्किल से काबू पाया. बताया जा रहा है कि कुछ अज्ञात लोगों ने काला पाथरी वन पंचायत के जंगल में आग सुलगा दी. इसके बाद आग ने विकराल रूप ले लिया और ये आग करीब एक किमी तक फैल गई. आसपास के लोगों ने जंगल में आग लगने की जानकारी मौसम विभाग को दी. इसके बाद देर रात तक करीब 6 घंटे में आग पर काबू पाया गया.
हर घर अलर्ट किया गया
यही नहीं शैल बेंड और कालीमठ के जंगल में भी आग लगी. वहां दमकल विभाग की गाड़ियां बुलाई गईं और आग पर काबू पाया गया. हाल ही में उत्तराखंड सरकार की ओर से जंगलों में लगने वाली आग की घटनाओं को रोकने के लिए इंतजाम किए थे. इसके तहत 5 हजार वॉलंटियर्स को हर घर अलर्ट करने के लिए भेजा गया था, लेकिन फिर भी आग लगने की घटना हुई.
पिछले साल 1270 घटना
जंगलों में आग लगने की घटनाएं सामने आती रहती हैं. 15 फरवरी से लेकर 15 जून तक फायर सीजन रहता है. पिछले साल जंगल में लगी आग में 12 लोगों की जान गई थी और पिछले साल जंगल में आग लगने की करीब 1270 घटनाएं हुईं . हालांकि साल 2023 में ऐसी घटनाएं 733 थीं. सबसे ज्यादा अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और पौड़ी गढ़वाल जैसे इलाकों को पहले ही वन स्टेशन बनाया गया. हर जिले के लिए फॉरेस्ट फायर मैनेजमेंट प्लान बनाया गया है.