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केजरीवाल की आंधी में भी दिल्ली की इस सीट पर AAP का खाता नहीं खुला, BJP ने 2020 में की थी हैट्रिक..

दिल्ली के चुनावी इतिहास में पिछले 2 विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की ऐसी ‘आंधी’ चली कि सिर्फ 2 दलों को छोड़ दिया जाए तो अन्य दलों के खाते में एक भी सीट नहीं आ सकी थी. लगातार 15 साल की शीला दीक्षित की अगुवाई में दिल्ली में शासन करने वाली कांग्रेस इन 10 सालों से अपना खाता तक नहीं खोल पाई. इस ‘आंधी’ में एक सीट ऐसी भी रही जिसे आम आदमी पार्टी केजरीवाल के जादू के बावजूद अपनी झोली में एक बार भी नहीं डाल सकी.

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साल 2025 का चुनाव आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए दिल्ली में चौथा चुनाव होगा. 2012 में पार्टी के गठन के एक साल बाद ही AAP ने 2013 में अपना पहला चुनाव लड़ा था. सभी कयासों को धता बताते हुए पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया और 70 में से 28 सीटों पर जीत हासिल की.

AAP ने सभी को चौंकाया

हालांकि इस वजह से किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला और कुछ महीनों बाद विधानसभा भंग करनी पड़ गई. दिल्ली में 2015 में फिर से चुनाव कराना पड़ा. इस चुनाव में AAP ने ऐसा प्रदर्शन किया जिसने राजनीति के हर माहिर पंडित को भी चौंका दिया.

आम आदमी पार्टी ने रिकॉर्डतोड़ 70 में से 67 सीटों पर जीत हासिल कर एक तरह से दिल्ली में सूपड़ा ही साफ कर दिया. कांग्रेस 0 पर सिमट गई तो भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने किसी तरह लाज बचाई और 3 सीट अपनी झोली में डाल ही दिया. बीजेपी को भले ही 3 सीटों पर जीत मिली, लेकिन इसमें एक सीट ऐसी भी है जिस पर उसका दबदबा बना हुआ है. पिछले 3 चुनावों में AAP भी यहां से जीत नहीं सकी है.

हैट्रिक हार के बाद BJP की हैट्रिक

बात हो रही है विश्वास नगर विधानसभा सीट की. यह सीट उत्तर पूर्वी दिल्ली में पड़ती है और शाहदरा जिले में आती है. गजब की बात यह है कि बीजेपी ने इस सीट पर पहली बार साल 1993 में जीत हासिल की थी. उसके बाद उसे यहां पर लगातार हार मिलती रही. अपनी पहली जीत (1993) के बाद बीजेपी को लगातार 3 हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस के नसीब सिंह ने यहां पर अपना दबदबा बनाए रखा. नसीब सिंह ने जीत की हैट्रिक (1998, 2003 और 2008) लगा दी.

साल 2008 के चुनाव में बीजेपी के टिकट पर हार का सामना करने वाले ओम प्रकाश शर्मा ने 2013 के चुनाव में विश्वास नगर सीट पर जोरदार वापसी की. उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज प्रत्याशी नसीब सिंह को 7,799 मतों के अंतर से हराया. आम आदमी पार्टी के डॉक्टर अतुल गुप्ता तीसरे स्थान पर रहे.

2015 में BJP के OP की दूसरी जीत

2015 का चुनाव दिल्ली के विधानसभा चुनाव के लिहाज से ऐतिहासिक रहा. आम आदमी पार्टी ने रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन करते हुए 70 में 67 सीटें अपने नाम कर ली. लेकिन इसमें जिन 3 सीटों पर जीत नहीं मिली उसमें विश्वास नगर सीट भी शामिल है. 2013 के चुनाव में भी वह यहां से हार गई थी. फिर 2015 में भी AAP को शिकस्त मिली. बीजेपी के ओम प्रकाश शर्मा ने 2015 में अपनी जीत का अंतर बढ़ाया और वह 10,158 मतों के साथ विजयी हुए. उन्होंने इस बार AAP के अतुल गुप्ता को हराया.

साल 2020 के चुनाव में भी आम आदमी पार्टी को थोड़ा झटका लगा और उसे अतिरिक्त 5 सीटों का नुकसान (कुल 8 सीटों पर हार) हुआ, फिर भी 70 में 62 सीटों पर जीत बनी रही. केजरीवाल की लगातार कोशिश के बाद भी AAP विश्वास नगर सीट पर इस बार भी जीत हासिल नहीं कर सकी. उसे हार का सामना करना पड़ा.

बड़ी जीत के साथ BJP की हैट्रिक

ओम प्रकाश शर्मा ने अपनी लगातार तीसरी जीत में जीत का अंतर फिर से बढ़ाया. इस बार वह 16,457 मतों के अंतर से विजयी हुए. उन्होंने AAP के नए प्रत्याशी दीपक सिंगला को हराया. साल 2025 के चुनाव को लेकर इस सीट पर सियासी बिसात बिछ चुके हैं. AAP ने बहुत पहले ही विश्वास नगर सीट से अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर दिया है.

पार्टी ने फिर से दीपक सिंगला पर ही भरोसा जताया है. वह पिछले चुनाव में 49 हजार से अधिक वोट पाने में सफल रहे थे. कांग्रेस ने इस सीट से अब तक अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. जबकि बीजेपी ने दिल्ली चुनाव के लिए अपनी पहली लिस्ट 4 जनवरी को जारी की, जिसमें विश्वास नगर सीट भी शामिल थी. पार्टी ने यहां पर जीत की हैट्रिक लगा चुके ओम प्रकाश शर्मा को फिर से मैदान में उतारा है. अब देखना होगा कि इस सीट पर मुकाबला कितना कड़ा होता है और जीत का सेहरा किसके सिर बंधता है.

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