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जनसुनवाई में भी साहब का प्रैक्टिकल की जगह डिजिटल प्रेम! DM आवेदको की सुनते रहे,और ADM मोबाइल की!

आज के इस डिजिटल युग में हर व्यक्ति स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रहा है,चाहे वह किसी भी वर्ग से संबंधित हो,क्योंकि स्मार्टफोन किसी न किसी वजह से आमजन के जीवन का हिस्सा बन चुका है, भले ही थोड़ा क्यों न लेकिन व्यक्ति इसमें वक्त जरूर देता है, लेकिन शासकीय अमला जब इसे ऑफिस टाइम में भी खिलोने की तरह से इस्तेमाल करने लग जाए तो जाहिर सी बात है,चर्चे तो होंगे और मीडिया और सोशल मीडिया की सुर्खिया भी बनेंगे.

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राजगढ़ जिला मुख्यालय के कलेक्ट्रेट सभाकक्ष का ऐसा ही एक वीडियो सोशल मीडिया की सुर्खिया बना हुआ है,जिसमे कोई कर्मचारी नही बल्कि कलेक्टर के बाद दूसरे नंबर के जिम्मेदार अपर कलेक्टर जनसुनवाई के दौरान मोबाइल चलाते हुए नज़र आ रहे है.

 

दरअसल यह वायरल वीडियो राजगढ़ में आयोजित जिला लेवल की उस जनसुनवाई का है,जहां जिले की विभिन्न तहसील वा ग्राम पंचायत से निराकरण न होने पर अपनी अर्जी कलेक्टर के पास आवेदक लेकर पहुंचते है,क्योंकि उन्हें उम्मीद होती है की,उनकी सुनवाई जिला लेवल पर जरूर होगी,ऐसे में सुनवाई करने के लिए आसपास बैठे हुए कलेक्टर और अपर कलेक्टर एक साथ नजर आ रहे है,

लेकिन वही सुनवाई कलेक्टर के द्वारा की जा रही है और एडीएम अपने स्मार्टफोन में व्यस्त नज़र आ राज है,जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे है और आमजन अपनी अलग अलग प्रतिक्रिया देते हुए नज़र आ रहे है.

गौरतलब है कि,मध्यप्रदेश का राजगढ़ जिला जनसुनवाई में पहुंचने वाले आवेदकों के निराकरण के मामले में अपने आप को साबित नही कर पाया है,क्योंकि यहां ऐसे कई चेहरे आपको देखने को मिल जायेंगे जो प्रति सप्ताह आयोजित होने वाली जनसुनवाई में पहुंचते है,लेकिन उनकी शिकायतों का निराकरण नही होता,ऐसे में अधिकारियों के इस तरह मोबाइल में व्यस्त रहने वाली तस्वीरे वाकई शर्मनाक है.

वही उक्त मामले में जब एडीएम शिवप्रसाद से बात की गई तो उनका कहना था कि,कलेक्टर साहब से पहले हम ही आवेदको की समस्याएं सुन रहे थे,लेकिन जरूरी कॉल अजाने के चलते आवेदक कलेक्टर साहब को अपनी समस्या सुना रहे थे,और हम फोन में जरूरी कार्य में व्यस्त हो गए.

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