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जिह्वा की लार तक को नहीं घोटा जाता…, आज मनाया जा रहा ये कठिन व्रत, जानें…

Uttar Pradesh: वाराणसी में 16 दिनों तक चलने वाले सुरैया मेले का आज समापन हो गया. बड़ी संख्या में लक्ष्मीकुण्ड पोखरे पर महिलाओं ने माता जीवित्पुत्रिका का आज व्रत रखा. और उनका पूजा और अनुष्ठान किया जाता है, कि अपने पुत्र कामना और पुत्रों के लंबी आयु वह पति की दीर्घायु के साथ ही घर में सुख संपन्नता पाने के लिए 16 दिनों तक महिलाओं द्वारा मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है, आखिरी में मां जीवित्पुत्रिका की पूजा अर्चना के साथ ही 16 दिन चलने वाले सुरैया मेले का समापन हो जाता है. और आज के दिन महिलाएं 24 घंटे का निराजल व्रत रखती है.

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कहा जाता है की व्रत इतना कठिन होता है, कि इसमें अपनी जिह्वा की लार तक को नहीं घोटा जाता और अगले दिन तक पालन किया जाता है.

काशी में यह प्राचीन परंपरा

आपको बता दें बड़ी संख्या में आज सुहागिन महिलाओं ने इस व्रत को किया काशी में यह प्राचीन परंपरा सदियों से चली आ रही है. इस दिन मां को सोलह सामग्री चढ़ाई जाती है. सोलह तरह के फल चलाए जाते हैं. सोलह सिंगार की वस्तुओं को भी चढ़ाया जाता है, और मन से यह कामना की जाती है कि वह हमें साल भर तक आप इसी तरह सुखी रखें.

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