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‘संजय रॉय जैसा बेटा हर घर में हो, मैं उसके लिए…’, कोलकाता लेडी डॉक्टर के कातिल की मां ने क्यों कही ये बात?

संजय जैसा बेटा हर घर में होना चाहिए… ये शब्द हैं उस मां के जिसके बेटे ने एक लेडी डॉक्टर के साथ रेप किया, उसे टॉर्चर दिया और बेरहमी से मार डाला. ये जानते हुए भी कि उसका बेटा हैवान है, एक मां ने इतनी बड़ी बात कैसे कह दी? इसका जवाब भी उस मां ने खुद ही दिया. हम बात कर रहे हैं कोलकाता के बहुचर्चित जूनियर लेडी डॉक्टर रेप एंड मर्डर केस की. पुलिस ने रेपिस्ट और कातिल संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी ने अपना गुनाह भी कबूल कर लिया है. लेकिन उसकी मां का अभी भी यही कहना है कि उसके बेटे जैसा बेटा हर घर में होना चाहिए.

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आरोपी संजय रॉय की मां मालती देवी से एक मीडियो चैनल ने जब इंटरव्यू लिया, तो उन्होंने कई बातें अपने बेटे के बारे में कहीं. मालती से जब पूछा गया कि आपका बेटा संजय आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के मामले में आरोपी है. तो उन्होंने कहा- इसके पीछे संजय अकेला नहीं है. कई और लोग भी शामिल हो सकते हैं. या तो उसे फंसाया जा रहा है. क्योंकि वो नहीं मानतीं कि उनका बेटा ऐसा कुछ भी कर सकता है.

मालती ने कहा- बेटे संजय ने पत्नी की मौत के बाद से शराब पीना शुरू कर दिया था. संजय की मां ने कहा कि मेरे बेटे ने अपनी पत्नी के इलाज में बहुत पैसा खर्च किया, क्योंकि उसे कैंसर हो गया था. वो घर के लिए बहुत ही अच्छा बेटा है. वो पुलिस में नौकरी करता है. मालती ने आगे कहा- संजय ने एक बेटे के रूप में हमेशा ही अपनी जिम्मेदारी अच्छे से निभाई है. वो घर का सारा खर्च देता है. कभी किसी बात की तकलीफ नहीं होने देता. ऐसा बेटा हर घर में होना चाहिए.

‘एक ही शादी हुई संजय की’

संजय की चार शादियों और सास ने जो आरोप लगाए उस पर मालती देवी ने कहा- मेरे बेटे की सिर्फ एक शादी हुई है. बाकी का मुझे पता नहीं. संजय की सास ने जो घरेलू हिंसा के आरोप लगाए हैं, उस पर मैं ये ही कहना चाहूंगी कि उसकी बेटी का मेरे बेटे के साथ अफेयर चला और उसके बाद शादी हुई. लड़की पर कोई जुल्म नहीं हुआ. हां, संजय ने एक बार एक लड़की को पीटा था, जिसके बाद कालीघाट थाने में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी. तब से उसने किसी भी महिला पर कोई अत्याचार नहीं किया.

‘मैं भी एक मां हूं, बेटे को बचाऊंगी’

मालती ने कहा- उस लेडी डॉक्टर की मां पर क्या बीत रही है, मैं समझ सकती हूं. लेकिन मैं भी एक मां हूं. अपने बेटे को बचाने की पूरी कोशिश करूंगी. नहीं तो समाज को मैं क्या मुंह दिखाऊंगी कि एक मां होकर मैंने अपने बेटे के लिए कुछ भी नहीं किया? संजय ऐसा नहीं कर सकता. उसने तो शराब पीनी भी छोड़ दी थी. बस चाय पीने का शौकीन था. लेकिन जब उसकी पत्नी की कैंसर से मौत हुई तो वो टूट गया. कहने लगा कि मैं भी चाहता हूं मेरी फैमिली हो. मेरे बच्चे हों. लेकिन मेरी जिंदगी में शायद ये सब सुख नहीं है. बस इसी गम में संजय ने शराब पीना शुरू किया.

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