सबकी भविष्यवाणियां हुईं गलत, भारत विकास पथ पर आगे बढ़ रहा… बोले RSS प्रमुख मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि भारत सबकी भविष्यवाणियों को गलत साबित करके विकास पथ पर आगे बढ़ रहा है. इंदौर में एक पुस्तक विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जब भारत 3,000 वर्षों तक विश्वगुरु था, तब कोई वैश्विक संघर्ष नहीं था.

उन्होंने आगे कहा कि दुनिया में संघर्षों के लिए व्यक्तिगत हित ही जिम्मेदार हैं, जिन्होंने सभी समस्याओं को जन्म दिया. पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल का जिक्र करते हुए भागवत ने कहा कि ब्रिटिश शासन समाप्त होने के बाद भी भारत एकजुट रहकर उन्हें गलत साबित कर दिया.

उन्होंने कहा कि”विंस्टन चर्चिल ने एक बार कहा था कि (ब्रिटिश शासन से) आजादी के बाद, आप (भारत) जीवित नहीं रह पाएंगे और विभाजित हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.”

उन्होंने कहा कि अब इंग्लैंड खुद विभाजन की स्थिति में आ रहा है, लेकिन हम विभाजित नहीं होंगे. हम आगे बढ़ेंगे. उन्होंने आगे कहा, “हम एक बार विभाजित थे, लेकिन हम उसे फिर से एकजुट करेंगे.”

भारत कर्म और तर्क से परिपूर्ण आस्था की भूमि

उन्होंने कहा कि जहां दुनिया आस्था और विश्वास पर चलती है, वहीं भारत कर्म और तर्क से परिपूर्ण आस्था की भूमि है. भागवत ने आगे कहा, “हम सभी जीवन रूपी नाटक में अभिनेता हैं और हमें अपनी भूमिकाएं निभानी हैं, और नाटक समाप्त होने पर हमारा वास्तविक स्वरूप प्रकट होता है.” उन्होंने कहा कि भारत में जो आस्था विद्यमान है, वह प्रत्यक्ष अनुभूति (ज्ञान) और प्रमाण पर आधारित है.

मोहन भागवत ने कहा कि निजी स्वार्थों के कारण ही दुनिया में संघर्ष चलते हैं और सारी समस्याएं हैं. भारत में जो श्रद्धा है, वह प्रत्यक्ष प्रतीति (ज्ञान) और प्रमाणों पर आधारित है.

मोहन भागवत ने कहा कि नर्मदा नदी की परिक्रमा सर्वत्र श्रद्धा का विषय है. हमारा देश श्रद्धा का देश है. यहां कर्मवीर भी हैं और तर्कवीर भी हैं. दुनिया श्रद्धा और विश्वास पर चलती है.

Advertisements
Advertisement