जांजगीर-चांपा जिले में एक कुएं में बड़ी मात्रा में सरकारी दवाइयां तैरती हुई मिली हैं। जिला मुख्यालय के कचहरी चौक में पशु चिकित्सा विभाग का दफ्तर है, जहां पर बने कुएं में दवाइयां देखी गई। सूचना के बाद कुछ दवाइयों को बाहर निकाला गया, जिसमें सभी दवाइयां सील पैक थी और एक्सपायर हो चुकी थी।
जानकारी के मुताबिक, इसी परिसर में ही कुआं है। आमतौर पर कुएं पर लोगों की नजर नहीं पड़ती। क्योंकि, अब लोग कुएं के पानी का इस्तेमाल नहीं करते। ऐसे में बारिश के बाद अचानक कुएं में पानी भरा तब उसमें से दवाइयों का जखीरा तैरते मिला। जिसके बाद खरीदी में गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है।
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
अनियमितता पर बोले अधिकारी
अचानक इतनी बड़ी मात्रा में दवाइयां मिलने से संदेह जताया जा रहा है कि अनियमितताओं को छिपाने के लिए ये काम किया गया होगा। आपूर्ति के अतिरिक्त बड़े पैमाने पर दवाइयां खरीदी गई थीं। हालांकि उप संचालक ए एल सिंह ने इस पर जांच की बात कही है।
बताया जा रहा है कि दवाइयों की कीमत करोड़ों में है लेकिन विभाग के उप संचालक ए एल सिंह ने कहा कि विभाग को उतना बजट ही नहीं मिलता तो इतनी मात्रा की दवाइयां कैसे मिलेगी।
उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष में मिले बजट से दवा खरीदी करते है। जिले में 55 संस्थाएं संचालित है। जिसमें वितरित किया जाता है। रजिस्टर में इसका रिकॉर्ड रखा जाता है। कुएं में मिली दवाईयों की जांच कराई जाएगी।
निशुल्क दवा वितरण योजना
शासन हर साल पशुओं के इलाज के लिए शासन करोड़ों रुपए खर्च करता है। इसमें निशुल्क दवा वितरण योजना भी शामिल है। पशुपालकों को जेनरिक और सर्जिकल दवाइयां मुफ्त दी जाती हैं। इससे पशुओं की बीमारियों की रोकथाम की जाती है।
विभाग के अधिकारियों के अनुसार राज्य शासन से दवाइयों की आपूर्ति होती है। जिला स्तर पर भी दवाइयां खरीदी जाती हैं। यह व्यवस्था पशु पालकों को निरंतर दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए की जाती है।