ग्रामसभा की बैठक के दौरान पंचायत में हुए कथित भ्रष्टाचार उजागर करना एक एलएलबी छात्र को भारी पड़ गया। भाजपा नेता के समर्थकों ने पहले उनके कार्यालय में छात्र की जमकर पिटाई की और जब छात्र थाना पहुंचा, तो वहां भी हमला किया गया।
लेकिन हैरानी की बात यह रही कि इस पूरी घटना में पुलिस ने खुद पीड़ित छात्र के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट समेत आठ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर दिया, जबकि हमला करने वालों पर सिर्फ मामूली धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया।
ग्रामसभा में भ्रष्टाचार का किया था खुलासा
यह मामला बिल्हा थाना क्षेत्र के ग्राम मोहतरा का है। सोमवार को ग्रामसभा के आयोजन में छात्र नेता रंजेश सिंह, जो एलएलबी के छात्र हैं, बतौर अध्यक्ष शामिल हुए थे। बैठक के दौरान रंजेश सिंह ने पंचायत में बीते 10 वर्षों से जारी भ्रष्टाचार के दस्तावेज सामने रखे। उनके अनुसार अधिकांश निर्माण कार्यों के भुगतान एक ही व्यक्ति के नाम पर किए गए, जिसकी न तो कोई दुकान है और न ही वैध बिल।
छात्र ने आरोप लगाया कि 49 हजार रुपये में 2,000 लीटर की पानी टंकी खरीदी गई, जबकि न तो टंकी दिखी और न ही विक्रेता की दुकान थी। सामूहिक शौचालय निर्माण के नाम पर 8 लाख रुपये का भुगतान बताया गया, लेकिन मनरेगा मद से महज 3.5 लाख में ही निर्माण हुआ।
भाजपा नेता के समर्थकों पर आरोप
आरोप है कि छात्र के आरोपों से बौखलाए ग्राम के उपसरपंच और भाजयुमो मंडल अध्यक्ष इंद्रजीत क्षत्रिय ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर रंजेश सिंह पर कार्यालय में हमला कर दिया। यही नहीं, रंजेश जब शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंचा तो वहां भी हमला किया गया।
घटना के बाद जब रंजेश सिंह ने केस की जानकारी ली तो पाया कि पुलिस ने खुद उसके खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट की धारा 3(1)(द), 3(1)(ध) तथा भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 391, 351, 115, 296 समेत 7 धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। वहीं दूसरी ओर, हमलावरों पर बीएनएस की धारा 115, 296, 192 के तहत जुर्म दर्ज किया गया।
पूर्व शिक्षा मंत्री ने उठाया सवाल
घटना की जानकारी मिलने पर पूर्व शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने आइजी डा. संजीव शुक्ला से फोन पर बात कर पूरे मामले में एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि छात्र ने सिर्फ भ्रष्टाचार को उजागर किया था, उसके साथ ऐसा बर्ताव निंदनीय है।