दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने गोगी-करालिया गैंग का एक खास गुर्गा गिरफ्तार किया है. वो दिल्ली-एनसीआर में दर्ज तीन जबरन वसूली के मामलों में वांछित था. इस गिरोह ने मलेशिया और दुबई से जबरन वसूली के लिए कॉल किए थे. ये लोग हाई-प्रोफाइल व्यवसायियों को निशाना बनाते थे.
विशेष पुलिस आयुक्त देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए अपराध शाखा ने दिल्ली के भगवती गार्डन एक्सटेंशन के पास छापा मारा. यहां से सितेंद्र कुमार उर्फ मटरू को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ के दौरान शुरूआत में उसने किसी तरह की संलिप्तता से इनकार कर दिया.
पुलिस ने जब कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपने सहयोगी अजय, जो वर्तमान में दुबई में है, के साथ मिलकर कई जबरन वसूली कॉल करने की बात कबूल कर ली. उसने दिल्ली के रोहिणी और पालम इलाके के साथ गाजियाबाद में भी प्रमुख व्यवसायियों को करोड़ों रुपए की वसूली के लिए कॉल किए थे.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अपने टारगेट को डराने के लिए इस गिरोह ने गाजियाबाद में एक एनआरआई व्यवसायी के रिश्तेदार के घर पर गोलीबारी करने के लिए शूटरों की व्यवस्था की थी. गिरोह पहचान छुपाने के लिए विदेश से प्राप्त सिम कार्ड और फोन का इस्तेमाल किया गया था.
गिरोह की गतिविधियों का समन्वय अजय और सितेंद्र कुमार द्वारा किया जाता था, जिन्हें विदेश में स्थित सहयोगियों से निर्देश मिलते थे. इनमें गोगी-दिनेश करालिया गिरोह के जेल में बंद सदस्य भी शामिल थे. सितेंद्र को अजय ने गिरोह में शामिल होने और जबरन वसूली करने के लिए राजी किया था.
दिल्ली पुलिस ने गाजियाबाद में केएन काटजू मार्ग, पालम और मसूरी में दर्ज जबरन वसूली से संबंधित तीन बड़े मामलों का पता लगाया है. इन मामलों में जबरन वसूली से संबंधित कानूनी प्रावधान जोड़े गए हैं. गोगी-दिनेश करालिया गिरोह का स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक सुव्यवस्थित नेटवर्क है.
कानून प्रवर्तन से बचने के लिए मलेशिया और दुबई से जबरन वसूली के लिए कॉल किए जाते थे. इसके अलावा गिरोह अपने टारगेट को डराने के लिए शार्पशूटर का इस्तेमाल करता था, जिसमें भारत में मौजूद उसके सहयोगी उसे रसद मुहैया कराते थे. सितेंद्र कुमार हरियाणा के झज्जर का रहने वाला है.
उसने साल 2011 में पॉलिटेक्निक डिप्लोमा किया था. पैसे उधार देने के धंधे में उतरने से पहले निजी फर्मों में काम किया था. गिरोह के एक सदस्य अजय से मिलने के बाद उसने अपने वित्तीय संसाधनों और कनेक्शन का लाभ उठाते हुए आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होना शुरू कर दिया था.
पुलिस ने बताया कि समय के साथ जबरन वसूली के मामले में संलिप्तता बढ़ती गई. इससे वो गिरोह का एक प्रमुख सदस्य बन गया. पुलिस ने दिसंबर में जबरन वसूली के एक मामले में दिनेश करालिया के भाई नवीन उर्फ सोनू को गिरफ्तार किया था. आगे की जांच गिरोह के नेटवर्क को खत्म करने पर केंद्रित है.