दुर्ग जिले में स्थित हेमचंद यादव विश्वविद्यालय परिसर के अंदर छात्र सुविधा केंद्र में स्टूडेंट्स से ज्यादा पैसे लेकर काम किया जा रहा था। मीडिया में खबर आने के बाद जैसे ही ये मामला विवादों में आया विश्वविद्यालय प्रबंधन ने उस दुकान को बंद करा दिया।
आपको बता दें कि दुर्ग विश्वविद्यालय भवन के बाहर लगभग दर्जन भर से अधिक फोटो कॉपी और ऑनलाइन फार्म भरने की दुकान संचालित हैं। इसके बाद भी पिछले लगभग एक साल से विश्वविद्यालय परिसर के अंदर एक छात्र सुविधा केंद्र संचालित हो रहा था।
इस छात्र सुविधा केंद्र में बाहर स्थित दुकानों से अधिक दर पर विद्यार्थियों का काम किया जाता था। इससे जब छात्र-छात्राओं ने इसकी शिकायत कर मुद्दे को उठाया तो विश्वविद्यालय प्रबंधन ने इस छात्र सुविधा केंद्र को लीगल बताते हुए यह दावा किया कि यह छात्र सुविधा को देखते हुए खोला गया था।
आप नेता जसप्रीत सिंह ने जब इसे लेकर हेमचंद यादव विश्वविद्यालय और दुर्ग कलेक्टोरेट में आरटीआई लगाकर जानकारी मांगी तो दोनों ने अलग-अलग जानकारी भेजी। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रबंधन ने आनन-फानन में विश्वविद्यालय परिसर के अंदर खोली गई इस दुकान को बंद कराया।
आरटीआई में दे रहे गोलमोल जवाब
जसप्रीत सिंह ने बताया कि उन्होंने मामले की सच्चाई जानने के लिए दुर्ग विश्वविद्यालय और दुर्ग कलेक्टोरेट में आरटीआई लगाकर छात्र सुविधा केंद्र के बारे में जानकारी मांगी थी। विश्वविद्यालय ने जवाब में उस समय जारी एक प्रेस विज्ञप्ति को ही उठाकर दे दिया। वहीं दुर्ग कलेक्टोरेट से जवाब मिला कि उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी विश्वविद्यालय प्रशासन ने उपलब्ध नहीं कराई है।
बिना टेंडर दुकान देकर किराया खा रहे अधिकारी
आप नेता जसप्रीत सिंह का कहना है कि हेमचंद यादव विश्वविद्यालय प्रबंधन को दुकान आवंटन करने के लिए एक निविदा बुलानी चाहिए थी। इसके लिए राज्य शासन से अनुमति भी नहीं ली गई है। जसप्रीत का आरोप है कि ये लोग एक लाख रुपए महीना दुकान से किराया लेकर उसका आपस में बंदरबांट कर रहे हैं।
छात्र हित में संचालित हो रहा सुविधा केंद्र
हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के सहायक कुल सचिव दिग्विजय सिंह का कहना है कि जो छात्र सुविधा केंद्र विश्वविद्यालय परिसर में संचालित हो रहा है वो छात्र हित को देखते हुए चल रहा है। यदि कोई यह शिकायत करता है कि वहां बाहर की दुकानों से अधिक दर लिया जा रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
रही बात दुकान की तो इस दुकान के लिए कोई निविदा नहीं जारी की गई है। यह दुकान एलएसपीएल (लर्निंग स्पाइरल प्रालि.) नाम की संस्था जो विश्वविद्यालय के अन्य कार्य देखती है, उसी के द्वारा उसको आवंटित जगह पर संचालित की जा रही है।