भाषा विवाद: निशिकांत दुबे के बयान को फडणवीस ने बताया गलत, कही थी पटक-पटक कर मारने की बात

महाराष्ट्र में मराठी बनाम हिंदी का विवाद लगातार गहराता जा रहा है. इस पर जमकर राजनीति हो रही है. इस बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद निशिकांत दुबे के बयान पर सियासत गरमाई हुई है. उनके बयान से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी किनारा कर लिया है. उन्होंने बयान को गलत बताया है. हालांकि उन्होंने साफ कर दिया है कि निशिकांत का बयान महाराष्ट्र के आम लोगों के लिए नहीं है बल्कि विवाद को हवा देने वाले लोगों के लिए है.

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सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा, ‘निशिकांत दुबे ने जो कुछ भी कहा है, वह आम मराठी लोगों के लिए नहीं कहा है, बल्कि उन संगठनों के लिए कहा है, जिन्होंने इस विवाद को हवा दी है. मेरा मानना है कि निशिकांत दुबे का बयान पूरी तरह से सही नहीं है. देश की तरक्की में महाराष्ट्र के योगदान को कोई नकार नहीं सकता और न ही भूल सकता है और अगर कोई ऐसा करता है तो यह पूरी तरह से गलत होगा.’

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निशिकांत दुबे ने क्या दिया था बयान?

दरअसल, निशिकांत दुबे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे की उस सलाह पर पलटवार किया था, जिसमें उन्होंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को गैर-मराठी भाषी लोगों पर निशाना साधने को कहा था. किसी का नाम लिए बगैर निशिकांत ने ‘बहुत बड़े बॉस’ को महाराष्ट्र से बाहर आने की चुनौती दी थी और कहा था, “तुमको पटक पटक के मारेंगे.”

दुबे ने ठाकरे बंधुओं पर निशाना साधते हुए कहा था, ‘आप कह रहे हैं कि लोगों को मराठी बोलनी होगी. आप किसकी रोटी खा रहे हैं? वहां टाटा, बिड़ला और रिलायंस है. कोई महाराष्ट्र में यूनिट नहीं है. टाटा ने अपनी पहली फैक्ट्री यहीं (बिहार में) लगाई थी. आप लोग हमारे पैसे पर पल रहे हो. तुम कौन सा टैक्स लाते हो और कौन सी इंडस्ट्री तुम्हारे पास है. माइंस हमारे पास हैं. आप लाटशाही कर रहे हो.’

उन्होंने कहा, ‘यदि आपमें इतनी हिम्मत है कि आप हिंदी बोलने वालों को पीटते हैं, तो आपको उर्दू, तमिल और तेलुगू बोलने वालों को भी पीटना चाहिए. यदि आप इतने बड़े ‘बॉस’ हैं, तो महाराष्ट्र से बाहर आ जाइए, बिहार, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु में आ जाइए, तुमको पटक पटक के मारेंगे. यह अराजकता नहीं चलेगी.’

राज ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं से क्या कहा?

दुबे की ये टिप्पणी महाराष्ट्र में मराठी विवाद के बीच मुंबई में राज और उद्धव ठाकरे के एक मंच साझा करने के दो दिन बाद आई थी. राज ठाकरे ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था, ‘चाहे गुजराती हो या कोई और, मराठी तो आनी ही चाहिए, लेकिन अगर कोई मराठी नहीं बोलता तो उसे पीटने की जरूरत नहीं है. अगर कोई बेकार का ड्रामा करता है तो आपको उसके कान के नीचे मारना चाहिए. राज ने पीटते समय का वीडियो रिकॉर्ड करने से भी मना किया और कहा, ‘पीटे जाने वाले व्यक्ति को यह बताना चाहिए कि उसे पीटा गया है.’

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