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खाद्य विभाग की नाकामी! मिलावटखोरी का कारोबार बेलगाम

इटावा : इकदिल कस्बे में चल रही नकली घी की फैक्ट्री का मामला बेहद गंभीर मिलावटखोरी का यह धंधा न केवल लोगों के स्वास्थ्य के लिए घातक है, बल्कि यह स्थानीय अधिकारियों की निष्क्रियता का भी संकेत है. नकली घी में इस्तेमाल होने वाले हानिकारक पदार्थ, जैसे कि वनस्पति घी और केमिकल लोगों की किडनी, लीवर, और दिल पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं. यहां तक कि कैंसर जैसी घातक बीमारियों का कारण भी बन सकते हैं.

कही नकली घी बन रहा है तो कहीं दूध,और पनीर:-सूत्र

जसवंतनगर तहसील क्षेत्र के एक गांव में नकली पनीर भी बनाकर होटल और छोटे छोटे नाश्ता सेंटर पर पहुचाया जाता हैं. मुनाफाखोरी के लिए लोगों के स्वास्थ्य से किया जा रहा है खिलवाड़ सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली कि बिना रजिस्ट्रेशन के चालू है कई वर्षों खोया पनीर बनाने का धंधा.

ऐसे मामलों में प्रशासन और खाद्य सुरक्षा विभाग को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि इस तरह के धंधों पर रोक लग सके और लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

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