नकली चार्जर का उपयोग करना फोन की सुरक्षा और आपके खुद के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है, क्योंकि इससे फोन में ब्लास्ट होने या अन्य इलेक्ट्रॉनिक नुकसान की संभावना बढ़ जाती है. असली और नकली चार्जर की पहचान करने के कुछ आसान तरीके यहां बता रहे हैं.
ब्रांड का नाम और लोगो
असली चार्जर में कंपनी का लोगो साफ़, स्पष्ट और सही जगह पर होता है, जबकि नकली चार्जर में लोगो धुंधला या गलत जगह पर हो सकता है. नकली चार्जरों में ब्रांड का नाम गलत तरीके से लिखा जा सकता है, जैसे कि एक अक्षर गायब होना या गलत तरीके से लिखा जाना.
चार्जर की बिल्ट क्वालिटी
असली चार्जर की प्लास्टिक की गुणवत्ता उच्च होती है और चार्जर का पूरा डिजाइन मजबूत और अच्छी तरह से बना होता है. नकली चार्जर में सस्ता प्लास्टिक उपयोग होता है जो जल्दी खराब हो सकता है या इसमें ढीलापन महसूस हो सकता है.
चार्जर का वजन बताता है सच
असली चार्जर का वजन आमतौर पर नकली चार्जर से अधिक होता है क्योंकि इसमें उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री और सर्किट का उपयोग किया जाता है. नकली चार्जर हल्के होते हैं, क्योंकि इनमें घटिया सामग्री और सर्किट्स का उपयोग होता है.
ISI मार्क देखना काफी जरूरी
असली चार्जरों पर प्रमाणित सर्टिफिकेशन मार्क जैसे CE, FCC या RoHS आदि होते हैं, जो इसे सुरक्षा मानकों के अनुरूप साबित करते हैं. नकली चार्जरों में यह सर्टिफिकेशन या तो गायब होता है या गलत तरीके से लिखा होता है.
चार्जर की चार्जिंग स्पीड
असली चार्जर फोन को सुरक्षित और सही दर पर चार्ज करता है. चार्जिंग की गति और टाइमिंग सही रहती है. नकली चार्जर से चार्जिंग धीरे-धीरे होती है और यह आपके फोन की बैटरी को भी नुकसान पहुंचा सकता है.
चार्जर की कीमत में अंतर
असली चार्जर आमतौर पर थोड़ा महंगा होता है क्योंकि यह उच्च गुणवत्ता और प्रमाणित होता है. नकली चार्जर बहुत सस्ते दाम पर बिकते हैं, लेकिन इनके द्वारा दी गई सुरक्षा और गुणवत्ता बहुत खराब होती है.
नकली चार्जर का उपयोग न केवल आपके फोन की बैटरी की लाइफ को प्रभावित कर सकता है, बल्कि यह फोन के ब्लास्ट होने जैसी गंभीर घटनाओं का भी कारण बन सकता है. हमेशा प्रमाणित और असली चार्जर का ही उपयोग करें, और अधिकृत विक्रेताओं से ही खरीदें.