दिल्ली पुलिस ने एक बड़े फर्जी शैक्षणिक डिग्री रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए एक महिला सहित दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. यह गिरोह लोगों को जाली डिग्रियां बेचकर ठगी करता था. पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से सैकड़ों फर्जी डिग्री सर्टिफिकेट, चार मोबाइल फोन और सात सिम कार्ड बरामद किए हैं.
गुरुग्राम में एक आईटी कंपनी में संविदा पर काम करने वाले युवक को कंपनी में स्थायी नियुक्ति के लिए अपनी डिग्री दिखानी थी. उसके पास केवल मार्कशीट थी, लेकिन डिग्री नहीं. ऐसे में एक सहकर्मी की सलाह पर उसने 34 वर्षीय कपिल जाखड़ से संपर्क किया, जिसने दावा किया कि वह डिग्री दिलवा सकता है।शुरुआत में कपिल ने 30,000 रुपये की मांग की, लेकिन धीरे-धीरे रकम बढ़ाकर कुल ₹1.55 लाख वसूल लिए। अंत में पीड़ित को जो डिग्री भेजी गई, वह बिना हस्ताक्षर वाली और फर्जी निकली. जब पीड़ित ने संपर्क करना चाहा, तो कपिल ने फोन उठाना बंद कर दिया और मार्च में उसे ब्लॉक कर दिया.
पीड़ित की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और जांच शुरू की। कपिल को हरियाणा के भिवानी जिले के उसके गांव से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने बताया कि वह अकेला नहीं, बल्कि एक 33 वर्षीय महिला साथी दामिनी शर्मा के साथ मिलकर यह रैकेट चला रहा था. दामिनी को दिल्ली के कड़कड़डूमा इलाके से पकड़ा गया।पुलिस को दामिनी के मोबाइल फोन में डिजिटल रूप से सहेजी गई सैकड़ों फर्जी डिग्रियां मिलीं, जिनका इस्तेमाल ठगी के लिए किया जा रहा था.दिल्ली पुलिस के डीसीपी ने बताया कि यह रैकेट विभिन्न विश्वविद्यालयों के नाम पर फर्जी डिग्रियां तैयार कर भोले-भाले लोगों को ठगता था.पुलिस अब उन सभी लोगों की पहचान कर रही है जिन्हें इस गिरोह ने डिग्री बेची थी, साथ ही यह पता लगाने में जुटी है कि इस फर्जीवाड़े के पीछे और कौन लोग शामिल हैं.दिल्ली पुलिस की यह कार्रवाई शिक्षा क्षेत्र से जुड़े फर्जीवाड़े पर एक करारा प्रहार है। यह मामला उन लोगों के लिए भी चेतावनी है जो शॉर्टकट लेकर डिग्री हासिल करने की कोशिश करते हैं.