बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में पदस्थ रहे फर्जी डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ एन जॉन केम को पुलिस ने फिर से दमोह जेल भेज दिया है। आरोपी की रिमांड अवधि खत्म होने पर सोमवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया।
इस दौरान पुलिस ने उससे विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष पं राजेंद्र प्रसाद शुक्ल के इलाज के साथ ही उसकी डिग्री सहित अन्य जानकारी ली है, जिसके आधार पर पुलिस उसकी डिग्री का वेरिफिकेशन कराएगी।
विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद शुक्ल के अपोलो अस्पताल में उपचार के दौरान हुई मौत के मामले में उनके बेटे डॉ. प्रदीप शुक्ल ने शिकायत की है। जिस पर सरकंडा पुलिस ने दमोह जेल में बंद अपोलो अस्पताल के पूर्व डॉ. नरेंद्र विक्रमादित्य यादव को गिरफ्तार कर बिलासपुर लाई थी।
कोलकाता से MBBS दार्जिलिंग से की PG
बिलासपुर में आरोपी डॉक्टर से 2 दिन तक पूछताछ की गई। पूछताछ में आरोपी डॉक्टर ने बताया कि उसने एमबीबीएस की पढ़ाई कोलकाता में की थी। इसके बाद उसने पीजी की डिग्री दार्जिलिंग से ली थी। उसने यूके और यूएस में नौकरी के साथ ही पढ़ाई करने का भी दावा किया है।
पुलिस ने अब आरोपी डॉक्टर से पूछताछ के आधार पर उसके दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है। जल्द ही उसके बताए संस्थान से उसकी डिग्री के संबंध में जानकारी ली जाएगी। इसके अलावा अपोलो अस्पताल से उसके दस्तावेज और भर्ती प्रक्रिया की जानकारी जुटाई जाएगी।
दमोह पुलिस भी कर रही जांच
आरोपी डॉक्टर बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में 2006 में पदस्थ था। इस दौरान उसने छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष पं राजेंद्र प्रसाद शुक्ल का बतौर हार्ट स्पेशलिस्ट उपचार किया। उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। इधर बिलासपुर में नौकरी छोड़ने के बाद डॉक्टर अलग-अलग जगहों पर नौकरी करता रहा।
कुछ महीनों से वह दमोह स्थित मिशन अस्पताल में बतौर हार्ट स्पेशलिस्ट काम कर रहा था। इस दौरान कई लोगों की अस्पताल में मौत हो गई। इसकी शिकायत करते हुए डॉक्टर की डिग्री पर संदेह व्यक्त किया। तब मामले की जांच की गई।
इसमें पता चला कि डॉ नरेंद्र विक्रमादित्य की डिग्री फर्जी है। शिकायत पर दमोह पुलिस ने जुर्म दर्ज कर आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया। जिसके बाद पुलिस ने दमोह जेल से आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार कर प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आई थी।