आपने फर्जी या नकली पुलिस, सीबीआई और आयकर अधिकारियों की करतूतों और उनके पकड़े जाने की खबरें अक्सर सुनी और देखी होंगी. लेकिन अब दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के नाम पर भी बड़ी ठगी होते-होते बच गई. दरअसल, फर्जी ईडी के अधिकारियों की एक टीम ने दिल्ली के एक पॉश इलाके में एक कारोबारी के ठिकाने पर छापेमारी की और उससे करोड़ों की ठगी करने की कोशिश की, लेकिन वक्त पर पीड़ित के वकील ने बैंक पहुंचकर ठगों की साजिश को नाकाम कर दिया.
हुआ यूं कि ईडी के दिल्ली जोनल कार्यालय को 22 अक्टूबर को लगभग 12 बजे सूचना मिली कि कुछ लोग ईडी अधिकारी बनकर अशोका एवेन्यू, डीएलएफ फार्म, छतरपुर, दिल्ली में फर्जी तौर पर तलाशी ले रहे हैं. यह भी बताया गया कि फर्जी ईडी अधिकारी पीड़ित को कोटक बैंक, हौज खास ले गए हैं, ताकि पीड़ित के बैंक खाते से 5 करोड़ रुपये निकाल सकें. यह सब ईडी छापे के नाम पर किया जा रहा था.
सूचना मिलने पर ईडी की एक टीम तुरंत कोटक मनिंद्र बैंक, हौज खास पहुंची. यह सूचना इलाके के पुलिस स्टेशन को भी दी गई और उच्च पुलिस अधिकारियों को भी सूचित किया गया, जो तुरंत मौके पर जा पहुंचे. बैंक पहुंचने पर ईडी टीम और पुलिस को पता चला कि पीड़ित का वकील बैंक पहुंचा था और उसने फर्जी ईडी अधिकारियों से पूछताछ की थी और उनके आईडी कार्ड मांगे थे.
इसके बाद फर्जी ईडी अधिकारियों को पकड़े जाने का डर हुआ और बैंक मैनेजर द्वारा बैंक का गेट बंद किए जाने से पहले ही वे भाग गए. पीड़ित से पूछताछ करने पर पता चला कि पिछली रात 2 कारों में 7 लोग उनके घर आए और खुद को ईडी अधिकारी बताकर छापेमारी करने लगे. उनमें से कुछ ने पहचान छिपाने के लिए अपने चेहरे पर नकाब लगा रखे थे. 3 लोग बिना मास्क के ही बातचीत कर रहे थे.
आरोपियों ने पीड़ित से पूछा कि वह अपने बैंक खाते से लगातार नकदी क्यों निकाल रहा है. उन्होंने पीड़ित को उसके पुराने बैंक खाते के कुछ चेक भी दिखाए. फर्जी ईडी अधिकारियों ने उसे धमकी दी कि अगर वह करोड़ों रुपये नहीं चुकाएगा तो उसे गिरफ्तार कर ले जाएंगे. पीड़ित ने बताया कि पैसे अगली सुबह बैंक से ही निकाले जा सकेंगे. इसलिए फर्जी ईडी अधिकारी पूरी रात पीड़ित के घर पर रहे.
अगले दिन वे पीड़ित को साथ लेकर पैसे निकालने के लिए हौज खास स्थित कोटक महिंद्रा बैंक ले गए. हालांकि, पीड़ित ने अपने वकील को मैसेज भेजकर घटना की जानकारी दे दी थी. मैसेज मिलने पर पीड़ित के वकील बैंक पहुंचे और फर्जी ईडी अधिकारियों से छापेमारी का कारण और उनके पहचान पत्र के बारे में पूछा. जिससे फर्जी ईडी अधिकारियों को पकड़े जाने का शक हुआ और वे मौके से भाग गए.
पता चला कि पीड़िता के घर पर मौजूद फर्जी ईडी अधिकारी अपनी गाड़ियां भी छोड़कर भाग गए थे क्योंकि गेट बंद था. दिल्ली पुलिस ने तुरंत पीड़ित का बयान दर्ज किया और एफआईआर दर्ज कर ली है. जिन कारों में संदिग्ध लोग पीड़ित के घर पर छापा मारने आए थे, उन्हें जब्त कर लिया गया है. उनकी छानबीन भी की जी रही है.